क्या सीबीआई ने साइबर मास्टरमाइंड द्विबेंदु मोहराना को गिरफ्तार किया?

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क्या सीबीआई ने साइबर मास्टरमाइंड द्विबेंदु मोहराना को गिरफ्तार किया?

सारांश

सीबीआई ने साइबर मास्टरमाइंड द्विबेंदु मोहराना को गिरफ्तार किया है, जिसने जापानी नागरिकों के खिलाफ तकनीकी सहायता घोटाला चलाया। यह गिरफ्तारी एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क के खिलाफ की गई है। जानें इस ऑपरेशन के पीछे की पूरी कहानी और मोहराना के गिरफ़्तारी की वजह।

Key Takeaways

  • सीबीआई ने द्विबेंदु मोहराना को गिरफ्तार किया।
  • यह गिरफ्तारी एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क के खिलाफ है।
  • मोहराना का फर्जी कॉल सेंटर जापानी नागरिकों को निशाना बनाता था।
  • सीबीआई ने जापान की पुलिस और माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर काम किया।
  • साइबर अपराध के खिलाफ वैश्विक साझेदारी का उदाहरण।

नई दिल्ली, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक महत्वपूर्ण कार्रवाई ने अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध के एक नेटवर्क को बड़ा झटका दिया है। जांच एजेंसी ने जापानी नागरिकों को निशाना बनाने वाले तकनीकी सहायता घोटाले के मुख्य आरोपी द्विबेंदु मोहराना को 30 अक्टूबर को गिरफ्तार किया।

मोहराना को भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर भारत लौटते समय पकड़ा गया। वह मई 2025 में नोएडा में अपने अवैध कॉल सेंटर के पर्दाफाश होने के तुरंत बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भाग गया था। यह कार्रवाई ऑपरेशन चक्र-5 के तहत की गई, जिसमें सीबीआई ने जापान की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर काम किया।

जांच में पता चला कि मोहराना नोएडा स्थित वीओआईपी कनेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था। वहां से उसके गुर्गे जापानी नागरिकों को फोन कर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के तकनीकी सहायक बनकर धोखा देते थे। पीड़ितों को कंप्यूटर में वायरस या सिस्टम फेलियर का झूठा डर दिखाकर डिजिटल वॉलेट या बैंक ट्रांसफर के जरिए पैसे ऐंठे जाते थे।

28 मई 2025 को दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 19 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की गई थी। इस दौरान छह गुर्गों को मौके से गिरफ्तार किया गया और कॉल सेंटर का पूरा सेटअप जब्त किया गया। मोहराना उसी रात भुवनेश्वर से यूएई फरार हो गया था। सीबीआई ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था, जिसके आधार पर एयरपोर्ट पर उसे रोका गया।

गिरफ्तारी के बाद मोहराना को ट्रांजिट वारंट पर दिल्ली लाया गया। सीबीआई विशेष अदालत ने उसे तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है ताकि साइबर नेटवर्क के अन्य सदस्यों, फंड ट्रेल और विदेशी खातों की जानकारी हासिल की जा सके। इस मामले में सीबीआई ने अब तक कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है।

सभी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल हो चुका है और वे न्यायिक हिरासत में हैं। जांच से सामने आया है कि यह सिंडिकेट परिष्कृत सोशल इंजीनियरिंग तकनीकों का इस्तेमाल करता था। जापानी भाषा में स्क्रिप्ट तैयार कर पीड़ितों को विश्वास में लिया जाता था।

सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, "यह ऑपरेशन साइबर अपराध के खिलाफ हमारी वैश्विक साझेदारी का उदाहरण है। जापान पुलिस और माइक्रोसॉफ्ट की तकनीकी मदद से हमने इस नेटवर्क को लगभग पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है।"

Point of View

बल्कि यह हमारे देश की सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। यह घटना यह भी साबित करती है कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग से हम किसी भी जटिल मामले को सुलझा सकते हैं।
NationPress
01/11/2025

Frequently Asked Questions

द्विबेंदु मोहराना कौन है?
द्विबेंदु मोहराना एक साइबर मास्टरमाइंड है, जिसने जापानी नागरिकों को ठगने वाले तकनीकी सहायता घोटाले का संचालन किया।
सीबीआई ने मोहराना को कब गिरफ्तार किया?
सीबीआई ने द्विबेंदु मोहराना को 30 अक्टूबर को गिरफ्तार किया।
इस ऑपरेशन में सीबीआई ने किसके साथ सहयोग किया?
सीबीआई ने जापान की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर काम किया।
क्या मोहराना के खिलाफ पहले से कोई कार्रवाई की गई थी?
हाँ, मोहराना के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था, जिसके आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया।
इस मामले में कुल कितने लोग गिरफ्तार किए गए हैं?
इस मामले में अब तक कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।