क्या एचपीजेड टोकन निवेश घोटाला है? सीबीआई ने 30 आरोपियों सहित दो चीनी नागरिकों के खिलाफ चार्जशीट दर्ज की

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क्या एचपीजेड टोकन निवेश घोटाला है? सीबीआई ने 30 आरोपियों सहित दो चीनी नागरिकों के खिलाफ चार्जशीट दर्ज की

सारांश

सीबीआई ने एचपीजेड टोकन निवेश धोखाधड़ी मामले में 30 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की है। इस मामले में दो चीनी नागरिक वान जून और ली अनमिंग को मुख्य आरोपी माना गया है। यह मामला एक बड़े साइबर अपराध नेटवर्क का हिस्सा है। जानिए इस धोखाधड़ी के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • सीबीआई ने 30 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की।
  • दो चीनी नागरिक मुख्य आरोपी हैं।
  • धोखाधड़ी का संचालन एक साइबर अपराध नेटवर्क द्वारा किया गया।
  • मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से करोड़ों रुपए का हेरफेर।
  • जांच में अन्य संदिग्धों का भी समावेश।

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एचपीजेड टोकन निवेश धोखाधड़ी मामले में 30 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट प्रस्तुत की है। इस मामले में दो प्रमुख आरोपी (वान जून और ली अनमिंग) चीनी नागरिक हैं, जिन्होंने धोखाधड़ी संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जांच के अनुसार, यह मामला शिगू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है, जो चीनी नागरिकों के नियंत्रण में थी। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान आरोपियों ने एक फर्जी मोबाइल ऐप 'एचपीजेड टोकन' लॉन्च किया और दावा किया कि निवेश क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग में लगाए जाएंगे और निवेशकों को भारी रिटर्न मिलेगा। केवल तीन महीनों में करोड़ों रुपए इकट्ठा किए गए, जिन्हें धोखेबाजों ने अपने ठिकानों पर स्थानांतरित कर दिया।

सीबीआई की जांच में यह सामने आया कि यह एक अलग-थलग मामला नहीं, बल्कि विदेशी नागरिकों द्वारा संचालित बड़े और संगठित साइबर अपराध नेटवर्क का हिस्सा था। यह नेटवर्क कई अन्य साइबर धोखाधड़ी मामलों में भी शामिल था, जिसमें लोन ऐप्स, फर्जी निवेश प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन नौकरी के झांसे शामिल थे।

शुरुआती गिरफ्तारी में छह आरोपी शामिल थे, जिनमें डॉर्टसे, रजनी कोहली, सुशांत बेहरा, अभिषेक, मोहम्मद इम्दाद हुसैन और रजत जैन के नाम शामिल थे। अब सीबीआई ने 30 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।

वान जून जिलियन कंसल्टेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक था, जो चीनी कंपनी जिलियन कंसल्टेंट्स की सहायक कंपनी थी। वान जून और डॉर्टसे ने मिलकर कई शेल कंपनियां बनाई, जिनमें शिगू टेक्नोलॉजीज भी शामिल थी। जांच में पता चला कि इन शेल कंपनियों के माध्यम से बड़े पैमाने पर साइबर धोखाधड़ी से अर्जित धन की मनी लॉन्ड्रिंग की गई। कुछ ही महीनों में इन कंपनियों के बैंक खातों से ट्रांसफर किए गए कुल पैसे 1,000 करोड़ रुपए से ज्यादा हो गए।

जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने पेमेंट एग्रीगेटर सिस्टम का बेहद सुव्यवस्थित और तेज तरीके से दुरुपयोग किया। ये तकनीकी प्लेटफॉर्म असली कंपनियों को बड़े पैमाने पर बैंकिंग लेनदेन की सुविधा देते थे, लेकिन धोखाधड़ी करने वाले इन्हें धन को एक शेल कंपनी से दूसरी शेल कंपनी में तेजी से ट्रांसफर करने और निवेशकों को हिस्सा लौटाकर विश्वास जीतने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे।

जिलियन कंसल्टेंट्स ने इसके लिए पेशेवरों जैसे कंपनी सचिव और चार्टर्ड अकाउंटेंट की भी मदद ली। धोखाधड़ी से जुटाया गया पैसा क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश भेजा गया।

सीबीआई ने अब तक मामले के सभी मास्टरमाइंड्स की पहचान कर ली है और 27 आरोपियों और 3 कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। मामले की जांच अन्य संदिग्धों के खिलाफ भी जारी है।

सीबीआई ने कहा है कि विशेष कार्रवाइयों के माध्यम से साइबर अपराध नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए लगातार जारी रहेगा। सीबीआई निवेशकों की सुरक्षा, डिजिटल अर्थव्यवस्था की मजबूती, लक्षित गिरफ्तारी और संपत्ति जब्त करने के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी बढ़ावा दे रही है।

Point of View

यह मामला एक गंभीर चिंता का विषय है। डिजिटल अर्थव्यवस्था में बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए हमें सख्त कानूनों और जागरूकता की आवश्यकता है। सीबीआई की सक्रियता सराहनीय है, लेकिन हमें इस दिशा में और अधिक प्रयास करने चाहिए।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

एचपीजेड टोकन निवेश घोटाला क्या है?
यह एक धोखाधड़ी का मामला है जिसमें आरोपियों ने एक फर्जी मोबाइल ऐप के माध्यम से निवेशकों से करोड़ों रुपए इकट्ठा किए।
सीबीआई ने कितने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है?
सीबीआई ने 30 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
इस मामले में मुख्य आरोपी कौन हैं?
इस मामले में मुख्य आरोपी वान जून और ली अनमिंग हैं, जो चीनी नागरिक हैं।
क्या यह मामला एक बड़ा साइबर अपराध नेटवर्क है?
जी हाँ, यह मामला एक बड़े संगठित साइबर अपराध नेटवर्क का हिस्सा है।
क्या सीबीआई इस मामले की जांच जारी रखेगी?
हाँ, सीबीआई अन्य संदिग्धों के खिलाफ भी जांच जारी रखेगी।
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