क्या सीबीआई ने उत्तराखंड ग्रेजुएट लेवल पेपर लीक मामले में असिस्टेंट प्रोफेसर को गिरफ्तार किया?
सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को गिरफ्तार किया।
- पेपर लीक में शामिल अन्य दो व्यक्तियों को भी हिरासत में लिया गया।
- यह मामला उत्तराखंड सरकार द्वारा सीबीआई को सौंपा गया था।
- अभ्यर्थियों ने पेपर लीक के खिलाफ आंदोलन किया था।
- यह परीक्षा 416 पदों के लिए आयोजित की गई थी।
देहरादून, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड ग्रेजुएट लेवल पेपर लीक मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। इस मामले में सीबीआई ने टिहरी गढ़वाल के शहीद श्रीमती हंसा धनाई राजकीय महाविद्यालय, अगरोरा (धार मंडल) की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को गिरफ्तार किया है।
सीबीआई ने जानकारी दी कि इसके साथ ही दो अन्य व्यक्तियों मोहम्मद खालिद और उसकी बहन सबीहा को साजिश रचने के आरोप में हिरासत में लिया गया।
जांच के दौरान सीबीआई को पता चला कि असिस्टेंट प्रोफेसर ने परीक्षा से पहले आरोपी को उसकी बहन के माध्यम से प्रश्न पत्र के कुछ हिस्से हल करने में मदद की और हल किए गए उत्तर परीक्षा में बैठे आरोपी तक पहुंचाए।
सीबीआई की जांच में पहले ही आरोपी और उसकी बहन को पुलिस हिरासत में लिया जा चुका था। उनके मोबाइल फोन और अन्य सबूतों की गहन जांच के बाद प्रोफेसर सुमन की भूमिका सामने आई, जिसके आधार पर उन्हें शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया।
सीबीआई के अनुसार, आरोपी को मेडिकल जांच के बाद कोर्ट में पेश किया जाएगा। यह मामला पहले उत्तराखंड सरकार द्वारा सीबीआई को ट्रांसफर किया गया था और जांच फिलहाल दैनिक स्तर पर जारी है।
यह ध्यान देने योग्य है कि 21 सितंबर को यूकेएसएसएससी द्वारा स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की गई थी। पेपर लीक होने के बाद हड़कंप मच गया था। विवाद बढ़ते देख उत्तराखंड सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई ने अब इस मामले में पहली गिरफ्तारी की है।
यह परीक्षा 416 पदों के लिए हुई थी और इसमें एक लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले अभ्यर्थियों ने कथित पेपर लीक के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था। इसके बाद उत्तराखंड की धामी सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।