क्या राजस्थान में सुसाइड केस के लिए सीबीएसई ने स्कूल को दोषी पाया?
सारांश
Key Takeaways
- सीबीएसई ने नीरजा मोदी स्कूल को गंभीर उल्लंघनों के लिए दोषी पाया।
- अमायरा की शिकायतों की अनदेखी करना स्कूल की जिम्मेदारी में कमी दर्शाता है।
- बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों को अधिक सतर्क रहना चाहिए।
जयपुर, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल को 9 वर्षीय अमायरा की आत्महत्या से संबंधित कई उल्लंघनों का दोषी ठहराया है। अमायरा ने 1 नवंबर को स्कूल की चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी।
अधिकारियों ने बताया कि दो सदस्यीय जांच समिति के निष्कर्षों के आधार पर कार्रवाई करते हुए सीबीएसई ने स्कूल को नोटिस जारी किया है।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, कक्षा 4 की छात्रा अमायरा ने लगभग 18 महीनों से बार-बार अपमान, ताने और उत्पीड़न की शिकायत की थी।
इन शिकायतों के बावजूद शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की। 12 नवंबर को अमायरा के माता-पिता से मुलाकात के बाद समिति ने इन आरोपों की पुष्टि की।
पैनल ने अमायरा की मौत के बाद सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावना को खारिज नहीं किया है।
जांचकर्ताओं ने पाया कि फोरेंसिक जांच से पहले घटनास्थल की सफाई की गई थी, जिसे सीबीएसई के नियमों के अनुसार एक गंभीर अपराध माना जाता है।
एक औचक निरीक्षण के दौरान, सीबीएसई टीम ने सुरक्षा में गंभीर खामियां, खराब निगरानी और राष्ट्रीय सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन न करने का पता लगाया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूल छात्रों के लिए एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करने में असफल रहा और प्रमुख प्रावधानों का उल्लंघन किया, विशेष रूप से बाल सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के मानकों के मामले में।
अमायरा की माँ को 1 नवंबर का सीसीटीवी फुटेज भी दिखाया गया, जिसमें स्पष्ट रूप से अमायरा अपनी कक्षा की शिक्षिका से मदद मांगती नजर आ रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, अमायरा ने 45 मिनट के भीतर पाँच बार शिक्षिका से संपर्क किया और शिकायत की कि सहपाठियों ने उसकी डिजिटल स्लेट पर क्या लिखा है।
इसके बावजूद शिक्षिका ने कथित तौर पर उसकी कोई मदद नहीं की और उसे डांटा भी, जिससे बच्ची स्तब्ध, शर्मिंदा और व्यथित दिख रही थी।
उसे किसी काउंसलर के पास नहीं भेजा गया, जो कि सीबीएसई दिशानिर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है।
सीबीएसई की एक टीम ने 3 नवंबर को औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कई अतिरिक्त उल्लंघन पाए गए। कई छात्रों ने पहचान पत्र नहीं पहने थे और स्कूल की सुरक्षा समिति आवश्यकतानुसार कार्य नहीं कर रही थी।
इन निष्कर्षों के आधार पर, सीबीएसई ने स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। स्कूल प्रबंधन को जवाब देने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है, जिसके बाद सीबीएसई आगे की कार्रवाई तय करेगा।