क्या चार नई श्रम संहिताएं बेहतर वेतन, सामाजिक सुरक्षा और कामगारों का कल्याण सुनिश्चित करेंगी?
सारांश
Key Takeaways
- बेहतर वेतन की गारंटी
- सामाजिक सुरक्षा में वृद्धि
- कामगारों के कल्याण के लिए कदम
- महिलाओं को समान अधिकार
- ओवरटाइम पर दोगुने वेतन का प्रावधान
नई दिल्ली, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चार नई श्रम संहिताएं कार्यकर्ताओं के लिए बेहतर वेतन, सामाजिक सुरक्षा और कल्याण का आश्वासन देंगी। इससे प्रत्येक श्रमिक को समय पर वेतन मिलने में सहायता मिलेगी। यह जानकारी भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के सचिव जीसी आर्या ने रविवार को साझा की।
राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए जीसी आर्या ने कहा कि यह चार नई श्रम संहिताएं ऐतिहासिक हैं। इससे 'विकसित भारत 2047' के दृष्टिकोण में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की भागीदारी सुनिश्चित होगी। इसके साथ ही, सामाजिक सुरक्षा में वृद्धि होने से जरूरतमंदों के जीवन स्तर में सुधार होगा।
छत्तीसगढ़ के धमतरी में राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए नंद यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में नए श्रम कानूनों को लागू कर दिया है। इनसे देशभर के 40 करोड़ से अधिक श्रमिकों के जीवन में बदलाव लाने की उम्मीद है। चार नई श्रम संहिताएं बेहतर वेतन, सामाजिक सुरक्षा और कामगारों का कल्याण सुनिश्चित करेंगी। इसमें हर कामगार को समय पर न्यूनतम वेतन की गारंटी है, जिससे देरी, मनमानी और शोषण की संभावनाएं समाप्त होंगी।
ढालवेंद्र साहू ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी का एक महत्वपूर्ण कदम है। नए कानून न्यूनतम वेतन की गारंटी देता है और निश्चित रूप से इससे श्रमिकों का शोषण रुकेगा। इस नए कानून से महिला श्रमिकों को समान दर्जा मिलेगा, जिससे उन्हें समान वेतन मिलने में सहायता मिलेगी। इसके अतिरिक्त ओवरटाइम पर दोगुने वेतन से श्रमिकों की आमदनी बढ़ेगी।
रुद्र प्रताप साहू ने कहा कि पीएम मोदी के इस कदम से करोड़ों श्रमिकों के जीवन स्तर में काफी सुधार आएगा और श्रमिक अब समृद्ध होंगे। अब ओवरटाइम करने पर मजदूरी भी डबल मिलेगी। इससे श्रमिकों को उनके हक मिल पाएगा, जबकि पहले कई श्रमिकों का कार्यस्थल पर शोषण होता था। लोगों का कहना है कि सरकार के नए श्रम कानून श्रमिकों और देश के विकास में क्रांतिकारी कदम साबित होंगे।