क्या चंबा के प्राथमिक शिक्षक संघ ने क्लस्टर क्लबिंग नीति के खिलाफ मोर्चा खोला?
सारांश
Key Takeaways
- क्लस्टर क्लबिंग नीति से शिक्षा प्रणाली पर प्रभाव पड़ सकता है।
- छोटे स्कूलों के अस्तित्व पर संकट बढ़ सकता है।
- संघ ने सरकार से निर्णय वापस लेने की मांग की है।
- शिक्षकों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ने का खतरा है।
- संघ ने चेतावनी दी है कि आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा।
चंबा, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के प्राथमिक शिक्षक संघ खंड तीसा ने क्लस्टर क्लबिंग नीति के खिलाफ प्रदेश सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। संघ के अध्यक्ष दूनी चंद शर्मा का कहना है कि क्लस्टर क्लबिंग से शिक्षा प्रणाली में गंभीर प्रभाव पड़ेगा, जिसके कारण शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
संघ के प्रतिनिधियों ने सरकार से इस निर्णय को तुरंत वापस लेने की मांग की है, क्योंकि यह स्थानीय परिस्थितियों और पहाड़ी क्षेत्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर नहीं बनाया गया है।
शिक्षक संघ का आरोप है कि क्लस्टर क्लबिंग छोटे स्कूलों की अस्तित्व पर संकट उत्पन्न करेगा, और दूर-दराज के क्षेत्रों में तैनात शिक्षकों पर अतिरिक्त बोझ डालेगा। यदि सरकार ने जल्द ही सकारात्मक कदम नहीं उठाए, तो संघ आंदोलन को और तेज़ करने की चेतावनी दे रहा है।
संघ की उम्मीद है कि सरकार शिक्षकों की समस्याओं और क्षेत्रीय वास्तविकताओं को समझते हुए इस नीति पर पुनर्विचार करेगी।
संघ के अध्यक्ष दूनी चंद शर्मा ने कहा कि प्राथमिक शिक्षक संघ के लिए क्लस्टर क्लबिंग एक बड़ा मुद्दा बन गया है। इस वर्ष रिसोर्स शेयरिंग के संबंध में सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके बाद संघ ने शिक्षा मंत्री और हिमाचल प्रदेश शिक्षा सचिव से मुलाकात की, जहां यह बताया गया कि यह मुद्दा केवल रिसोर्स शेयरिंग से संबंधित है। सितंबर में, नोटिफिकेशन में केंद्रीय मुख्य शिक्षक और प्राथमिक शिक्षा खंड अधिकारी की शक्तियों को प्रधानाध्यापक के अधीन कर दिया गया, जिससे संघ ठगा हुआ महसूस कर रहा है।
अब डेपुटेशन और छुट्टी देने का अधिकार भी प्रधानाध्यापक को दिया गया है। विजिट के दौरान प्रिंसिपल के साथ दो गनमैन भी होंगे। इस पर संघ का कहना है कि प्रधानाध्यापक को अकेले आना चाहिए, गनमैन की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इससे कक्षा में पढ़ाई का वातावरण प्रभावित होता है। अध्यापकों पर इस तरह का दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए।
दूनी चंद शर्मा ने कहा कि अवकाश के लिए हमें अर्न लीव की सूचना 15 दिन पहले प्रधानाध्यापक को देनी पड़ेगी।