क्या चमोली आपदा के बाद राहत कार्यों में तेजी लाए जाएंगे?

सारांश
Key Takeaways
- चमोली में बादल फटने से तबाही हुई है।
- मुख्यमंत्री धामी ने राहत कार्यों की समीक्षा की।
- प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं।
- एसडीआरएफ और एनडीआरएफ राहत कार्य में जुटे हुए हैं।
- स्थानीय प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है।
देहरादून, १८ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर घाट क्षेत्र में हुई बादल फटने की घटना के बाद बचाव कार्य जारी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार सुबह अपने सरकारी निवास पर हुई एक बैठक में अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान और आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिलाधिकारी से बातचीत कर स्थिति की गहन जानकारी प्राप्त की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए, राहत कार्यों में तेजी लाई जाए, घायलों को उचित उपचार दिया जाए और राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने कहा कि स्थिति पर निरंतर निगरानीआपदा प्रबंधन विभाग को प्रभावित क्षेत्र की स्थलीय जांच के लिए निर्देशित किया गया है।
बुधवार रात हुई भारी बारिश के कारण नंदानगर में मलबा भर गया, जिससे छह इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बादल फटने के बाद कई लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं।
मौसम विभाग ने भविष्य में चमोली में और भारी बारिश की चेतावनी दी है। प्रशासन ने आपदा के बाद बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल किया है। एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
प्रशासन ने निवासियों से घरों में रहने और प्रशासन से संपर्क बनाए रखने का आग्रह किया है, ताकि किसी भी स्थिति में लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके।
मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा, "जनपद चमोली के नंदानगर घाट क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि से आसपास के घरों को नुकसान होने की दुखद जानकारी मिली है। स्थानीय प्रशासन, एसडीआरएफ एवं पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। मैं निरंतर प्रशासन से संपर्क में हूं और स्थिति की निगरानी कर रहा हूं।"