क्या उत्तराखंड के चमोली में गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी के लिए प्रशासन ने बीड़ा उठाया?

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क्या उत्तराखंड के चमोली में गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी के लिए प्रशासन ने बीड़ा उठाया?

सारांश

उत्तराखंड के चमोली जिले में गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी के लिए प्रशासन ने महत्वपूर्ण पहल की है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, एएनएम, और आशा

Key Takeaways

  • उत्तराखंड के चमोली में गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी के लिए प्रशासन ने पहल की है।
  • घर-घर सर्वे के माध्यम से गर्भवती महिलाओं की पहचान की जा रही है।
  • यदि डिलीवरी में एक सप्ताह का समय बचा है, तो स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती होने की सलाह दी गई है।

चमोली, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के चमोली जिले के दुर्गम क्षेत्रों में मानसून के दौरान गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी के लिए प्रशासन ने एक नई पहल की शुरुआत की है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, आशा और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं की पहचान कर रहे हैं, ताकि समय रहते उन्हें सुरक्षित प्रसव के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।

प्रशासन की यह रणनीति जोखिमों को कम करने और मातृ-शिशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। मानसून के दौरान चमोली जिले के दुर्गम क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं के लिए जोखिम बढ़ जाता है। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग विशेष रणनीति के तहत गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं।

चमोली के सीएमओ डॉ. अभिषेक गुप्ता ने बताया कि मानसून के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रोड ब्लॉक से आवागमन में दिक्कतों को देखते हुए, जनपद के नौ ब्लॉकों के चिकित्सा अधिकारियों, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि यदि किसी गर्भवती महिला की डिलीवरी में एक सप्ताह का समय बचा है, तो उसे निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया जाए। इससे उनकी देखभाल और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित होगा। अब तक जिले के नौ दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों से आई महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया जा चुका है।

उन्होंने गर्भवती महिलाओं के परिजनों से अपील की है कि अगर डिलीवरी में सप्ताह दिन का समय बाकी है तो वे निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर आकर भर्ती हो जाएं। स्वास्थ्य केंद्र पर डिलीवरी तक उनका ख्याल रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं की ओर से दुर्गम क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं की पहचान की जा रही है और चिह्नित कर उन्हें स्वास्थ्य केंद्रों पर भर्ती भी कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन का एकमात्र मकसद है कि मानसून के दौरान किसी भी गर्भवती महिला को डिलीवरी के दौरान परेशानियों का सामना न करना पड़े।

मानसून के दौरान भारी बारिश के बाद मार्ग बाधित रहते हैं, जिससे यातायात आवाजाही में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं के लिए दुर्गम क्षेत्रों से निकलकर मुख्य मार्ग तक आना काफी कठिन हो जाता है। इस लिहाज से प्रशासन ने यह पहल शुरू की है, जिससे ज्यादा से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को चिह्नित कर उन्हें स्वास्थ्य से संबंधित सुविधाएं मुहैया कराई जा सके।

Point of View

खासकर उन क्षेत्रों में जहां स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं। प्रशासन की यह कोशिश मातृ-शिशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

चमोली में गर्भवती महिलाओं के लिए क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं?
चमोली में गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य केंद्रों में सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था की जा रही है।
क्या गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती होने के लिए कोई शुल्क देना होगा?
नहीं, गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती होने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा।
क्या यह पहल सिर्फ दुर्गम क्षेत्रों तक सीमित है?
जी हां, यह पहल विशेष रूप से दुर्गम क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं के लिए है।