क्या उत्तराखंड में चमोली में भूस्खलन ने स्थानीय निवासियों को खतरे में डाला?

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क्या उत्तराखंड में चमोली में भूस्खलन ने स्थानीय निवासियों को खतरे में डाला?

सारांश

चमोली का ब्रह्मसैन क्षेत्र भूस्खलन से प्रभावित, प्रशासन ने सुरक्षित रहने की अपील की। जानें क्या हैं हालात!

Key Takeaways

  • भूस्खलन ने चमोली में स्थानीय निवासियों को गंभीर खतरे में डाल दिया है।
  • प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं।
  • स्थानीय लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।
  • भारत सरकार की टीम जल्द ही निरीक्षण करने आएगी।
  • लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

चमोली, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के चमोली जिले के गोपेश्वर मुख्यालय के निकट ब्रह्मसैन क्षेत्र में निरंतर हो रहे भूस्खलन ने निवासियों के लिए गहरी चिंता पैदा कर दी है। अत्यधिक बारिश के कारण लगभग डेढ़ सौ मीटर लंबी सड़क पूरी तरह से धंस गई है, जिससे आस-पास के आवासीय भवनों में दरारें उत्पन्न हो गई हैं। प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोग भयभीत हैं और कई परिवार अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने जानकारी दी कि जिले में लगातार भूस्खलन के कारण कई क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। इस प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान का आकलन करने के लिए प्रशासन ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी है।

उन्होंने कहा, "हमने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों की पूरी जानकारी शासन को दी है। भारत सरकार द्वारा गठित एक विशेषज्ञ टीम जल्द ही चमोली पहुंचकर प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करेगी और क्षति का आकलन करेगी।"

जिलाधिकारी ने बताया कि प्रशासन स्थिति पर लगातार निगरानी रखे हुए है और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू किए जा चुके हैं। भारत सरकार की टीम के दौरे के बाद नुकसान का सटीक आकलन किया जाएगा, जिसके आधार पर पुनर्वास और मरम्मत कार्य प्रारंभ होंगे।

ब्रह्मसैन में सड़क के धंसने से न केवल यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई है, बल्कि आस-पास के भवनों की नींव भी कमजोर हो गई है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे उनके घरों की दीवारों में दरारें आ गई हैं। कुछ परिवारों ने अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेना शुरू कर दिया है।

वहीं, प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में सावधानी बरतें और किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय अधिकारियों से सम्पर्क करें। भारत सरकार की टीम के दौरे और क्षति आकलन के बाद राहत कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है।

Point of View

मुझे यह कहना है कि प्राकृतिक आपदाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि हमें अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। प्रशासन की तत्परता और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अनिवार्य है। इस संकट के समय में, सभी को एकजुट होकर समस्या का सामना करना होगा।
NationPress
06/09/2025

Frequently Asked Questions

भूस्खलन के कारण क्या नुकसान हुआ है?
भूस्खलन के कारण सड़कें धंस गई हैं और कई मकानों में दरारें आ गई हैं, जिससे स्थानीय निवासियों में भय का माहौल है।
प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं?
प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं और प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी शासन को दी है।
क्या प्रभावित लोग सुरक्षित स्थान पर जा सकते हैं?
हाँ, कई परिवारों ने अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेना शुरू कर दिया है।