क्या 'प्रधानमंत्री स्वनिधि' योजना चमोली के लोगों के लिए आर्थिक संबल बन रही है?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से लाभार्थियों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
- यह योजना फुटपाथ दुकानदारों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है।
- लोग आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
- लाभार्थियों ने सरकार का आभार व्यक्त किया है।
- यह योजना गरीबों के लिए एक अवसर है।
चमोली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार द्वारा अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं लागू की जा रही हैं, जिनमें से एक है 'प्रधानमंत्री स्वनिधि' योजना। यह योजना फुटपाथ पर व्यापार करने वालों के लिए एक आशीर्वाद बन चुकी है। उत्तराखंड के चमोली जिले में इस योजना का लाभ लेने वाले लाभार्थी आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
इस योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में रेहड़ी-पटरी वालों को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इससे उन लोगों को मदद मिली है, जो सड़क किनारे सामान बेचकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
चमोली में भी इस योजना का लाभ उठाने वाले लोग इसे सकारात्मक मानते हैं। देशभर में छोटे व्यापारियों और रेहड़ी वालों को ऋण देने की इस व्यवस्था ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद की है।
लाभार्थियों का कहना है कि कोविड के बाद इस योजना से उन्हें विशेष लाभ मिला है। नगर पालिका द्वारा चिन्हित होने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और वे अब अच्छी आमदनी कर रहे हैं। लाभार्थियों ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार ने गरीबों की समस्याओं को समझते हुए उनकी मदद की है।
लाभार्थी ऋषि ने बताया कि उनकी फास्ट फूड की दुकान है। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान उन्हें व्यापार के लिए पैसों की आवश्यकता थी, जिसके लिए उन्होंने नगर पालिका में आवेदन किया और आसानी से लोन प्राप्त किया। उन्हें 10 हजार रुपए का लोन कम ब्याज दर पर मिला।
दुकानदार परमानंद तिवारी और लाभार्थी हरीश ने कहा कि यह योजना गरीबों के लिए अत्यंत लाभकारी है। सभी लाभार्थी केंद्र की मोदी सरकार का आभार व्यक्त करते हैं, जिसने यह योजना लागू की।