क्या चंपावत में बनबसा टैक्सी यूनियन ने नेपाल प्रशासन के खिलाफ धरना दिया?

सारांश
Key Takeaways
- बनबसा टैक्सी यूनियन ने नेपाल प्रशासन के खिलाफ धरना दिया।
- शारदा बैराज पर आवागमन ठप हुआ।
- टैक्सी चालकों का आरोप है कि नेपाल प्रशासन उत्पीड़न कर रहा है।
- स्थानीय प्रशासन से समस्या का समाधान करने की मांग की गई।
- संभावित वार्ता से स्थिति सुधरने की उम्मीद है।
चंपावत, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के चंपावत जिले के बनबसा में शारदा बैराज के निकट टैक्सी यूनियन ने नेपाल प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए धरना-प्रदर्शन किया। यूनियन अध्यक्ष रफी अंसारी के नेतृत्व में टैक्सी चालकों ने शुक्रवार सुबह 10 बजे शारदा बैराज के गेट को बंद कर वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप कर दिया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।
टैक्सी यूनियन अध्यक्ष रफी अंसारी ने बताया कि पिछले 10 दिनों से नेपाल प्रशासन भारतीय पीली नंबर प्लेट वाली टैक्सियों को नेपाल में प्रवेश करने से रोक रहा है। बनबसा-नेपाल सीमा पर पिलर नंबर सात के पास भारतीय टैक्सियों को रोका जा रहा है, जिससे चालकों की आजीविका पर बुरा असर पड़ रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि नेपाल प्रशासन भारतीय टैक्सी चालकों का उत्पीड़न कर रहा है, जबकि नेपाल के वाहनों को भारत में बिना किसी रोक-टोक के आने-जाने की अनुमति है। अंसारी ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा के अन्य क्षेत्रों में भारतीय टैक्सियों पर ऐसी पाबंदी नहीं है, लेकिन बनबसा में यह समस्या बनी हुई है।
टैक्सी यूनियन ने नेपाल के कंचनपुर जिले के मुख्य जिला अधिकारी (सीडीओ) से भारतीय टैक्सियों के प्रवेश पर रोक हटाने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आक्रोशित चालकों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं तो वे टैक्सियों की चाबियां शारदा नहर में फेंककर आंदोलन को और तेज करेंगे।
प्रदर्शन के दौरान बनबसा थानाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह कोरंगा ने स्थिति को संभाला और टैक्सी यूनियन अध्यक्ष की टनकपुर के एसडीएम आकाश जोशी से बात कराई। एसडीएम ने नेपाल प्रशासन से वार्ता कर टैक्सी आवागमन को सुचारू करने का आश्वासन दिया। इसके बाद यूनियन ने धरना स्थगित कर बैराज पर आवागमन बहाल कर दिया।
वहीं, चालकों का कहना है कि ऐसी एकतरफा पाबंदियां उनकी रोजी-रोटी पर संकट खड़ा कर रही हैं। स्थानीय प्रशासन और नेपाल प्रशासन के बीच जल्द वार्ता कर इस समस्या के समाधान की मांग उठ रही है, ताकि सीमा पर टैक्सी चालकों का संचालन सुचारू हो सके।