क्या चंडीगढ़ में टीबी मुक्त भारत अभियान ने पकड़ ली गति?

सारांश
Key Takeaways
- टीबी मुक्त भारत अभियान 2025 तक टीबी को समाप्त करने का लक्ष्य रखता है।
- चंडीगढ़ प्रशासन ने 50 विशेष किट्स वितरित की हैं।
- जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
- भाजपा ने इस अभियान का समर्थन किया है।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने 100-दिवसीय अभियान की घोषणा की।
चंडीगढ़, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी 'टीबी मुक्त भारत' पहल के अंतर्गत चंडीगढ़ प्रशासन ने जमीनी स्तर पर सक्रियता बढ़ा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू हुए इस अभियान का उद्देश्य 2025 तक भारत को टीबी से मुक्त करना है। चंडीगढ़ इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रयासरत है।
हाल ही में चंडीगढ़ में विभिन्न डिस्पेंसरी में टीबी से पीड़ित मरीजों को 50 विशेष किट वितरित की गईं, जिनमें दवाएं, पोषण सप्लीमेंट्स और जागरूकता सामग्री शामिल हैं। यह कदम टीबी को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिससे मरीजों को त्वरित उपचार और पोषण सहायता मिलेगी।
चंडीगढ़ प्रशासन ने पूरे शहर में लगातार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। राज्य टीबी अधिकारी की देखरेख में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें मरीजों को उपचार प्रक्रिया, दवाओं का नियमित सेवन और परिवार के सदस्यों की जांच के बारे में बताया जाता है। 'हम मिलकर टीबी को समाप्त कर सकते हैं' के संकल्प के साथ निक्षय शपथ कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चंडीगढ़ इकाई ने भी इस अभियान का समर्थन किया है। भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा ने कहा कि यह अभियान जन आंदोलन का रूप ले चुका है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए कि वे घर-घर जाकर जागरूकता फैलाएं। मल्होत्रा ने जोर देकर कहा कि सरकार की योजनाओं से टीबी जैसी बीमारियों का जल्दी समाधान होगा, और चंडीगढ़ को स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी बनाया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने हाल ही में घोषणा की थी कि 100-दिवसीय तीव्र अभियान के तहत देशभर में 12.97 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग हुई, जिसमें 7.19 लाख से अधिक मरीजों की पहचान की गई। चंडीगढ़ ने इस अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पुरस्कार प्राप्त किया है।
चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत किट्स का वितरण सेक्टर 22 की एक प्रमुख डिस्पेंसरी में किया गया। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि ये किट्स निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई हैं, जो मरीजों को मासिक 500 रुपए की सहायता के साथ पोषण युक्त आहार प्रदान करती हैं।