क्या भारत की तुलना नेपाल से करना हास्यास्पद है? - डॉ. राजेश्वर सिंह

सारांश
Key Takeaways
- भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की चौथी सबसे बड़ी है।
- डिजिटल पेमेंट में भारत ने वैश्विक दिशा दी है।
- चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 जैसे मिशन ने अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयां प्राप्त की हैं।
- भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम तीसरा सबसे बड़ा है।
- युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहलों का महत्व।
लखनऊ, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की सरोजनीनगर सीट के विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. राजेश्वर सिंह ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा नेपाल का उल्लेख करके भारत की स्थिति पर सवाल उठाने को भ्रामक और हास्यास्पद करार दिया।
डॉ. सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा कि भारत की स्थिति 'नेपाल जैसी हो सकती है' कहना न केवल 140 करोड़ भारतीयों की मेहनत और उपलब्धियों का अपमान है, बल्कि यह राष्ट्र की गरिमा को भी ठेस पहुंचाने वाला है। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और करीब 4 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी के साथ वैश्विक मंच पर अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने भारत की प्रमुख उपलब्धियों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत ने डिजिटल पेमेंट (यूपीआई) के क्षेत्र में दुनिया को दिशा दी है। निर्यात वर्ष 2025 में 821 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2024 में 12,000 किमी से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण भी हुआ है। नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 234 जीडब्ल्यू तक पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 जैसे ऐतिहासिक मिशनों से अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयां प्राप्त की गई हैं। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, चेनाब ब्रिज और ब्रह्मोस मिसाइल भारत की तकनीकी क्षमता का प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया और मुद्रा योजना जैसी पहलों से लाखों युवा आत्मनिर्भर बन रहे हैं। यही युवा भारत को चांद तक पहुंचा रहे हैं और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत बना रहे हैं।
सरोजनीनगर विधायक ने सपा अध्यक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि नेपाल जैसी छोटी और प्रेषण-निर्भर अर्थव्यवस्था से भारत की तुलना करना केवल ज्ञान की कमी और नकारात्मक राजनीति को दर्शाता है। अखिलेश यादव को जाति और तुष्टिकरण की राजनीति छोड़कर विकास पर ध्यान देना चाहिए। आज का युवा इन पुरानी राजनीति को ठुकरा चुका है।