क्या चंद्र ग्रहण के दौरान ऐसी गलतियां करना चाहिए? ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश नारायण मिश्रा ने दी चेतावनी

सारांश
Key Takeaways
- चंद्र ग्रहण का समय: रात 9:57 बजे से 1:27 बजे तक
- सूतक काल का महत्व
- मेष, वृश्चिक, कन्या और धनु राशियों के लिए शुभ
- गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानियाँ बरतनी चाहिए
- ग्रहण के समय दान करना शुभ है
अंबिकापुर, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण रविवार रात को होने वाला है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण बहुत ही विशेष है। इसे भारत के साथ-साथ अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया में भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा। ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश नारायण मिश्रा ने इस चंद्र ग्रहण के ज्योतिषीय महत्व और सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
पंडित मिश्रा का मानना है कि यह खगोलीय घटना केवल विज्ञान के दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए पंडित योगेश नारायण मिश्रा ने बताया कि भारत के मानक समय के अनुसार, चंद्रग्रहण रविवार रात 9 बजकर 57 मिनट पर प्रारंभ होगा। इसका मध्य समय रात 11 बजकर 41 मिनट पर होगा, जबकि समाप्ति रात 1 बजकर 27 मिनट पर होगी। कुल मिलाकर, यह ग्रहण लगभग 3 घंटे 30 मिनट तक चलेगा, जो इसे अब तक का सबसे लंबा चंद्रग्रहण बनाता है।
इस खगोलीय घटना को भारत के विभिन्न हिस्सों में पूरी तरह से देखा जा सकेगा, इसलिए धार्मिक दृष्टिकोण से इसका सूतक काल मान्य होगा।
ज्योतिषाचार्य मिश्रा ने बताया कि इस चंद्रग्रहण का सबसे शुभ प्रभाव चार राशियों मेष, वृश्चिक, कन्या और धनु पर पड़ेगा। इन राशियों के जातकों के लिए यह ग्रहण नई ऊर्जा, सफलता और सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। वहीं, अन्य आठ राशियों के लिए यह ग्रहण थोड़ा सावधानी बरतने का समय होगा। इन जातकों को इस दौरान मानसिक तनाव, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, मान-सम्मान की हानि या पारिवारिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि जिन राशियों के लिए यह ग्रहण अनुकूल नहीं है, वे लोग इस समय अपने गुरु मंत्र या इष्ट देवता के मंत्र का जाप अवश्य करें। इससे ग्रहण के दोष से राहत मिलती है और मानसिक शांति बनी रहती है। साथ ही, ग्रहण के समय दान करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। चंद्रग्रहण के समय दान की चीज़ें निकालकर अलग रख दें और अगली सुबह किसी गरीब या जरूरतमंद को दान करें।
ग्रहण को लेकर कुछ सावधानियां भी बताई गई हैं। पंडित योगेश नारायण मिश्रा ने स्पष्ट किया कि ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और किसी भी नुकीली या तेज धारदार चीज़ से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसी स्थिति में ग्रहण की विकिरणें हानिकारक हो सकती हैं।
उन्होंने कहा कि चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से देखना उचित नहीं है, क्योंकि इससे मानसिक अशांति और मनोरोग जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।