क्या चंद्रग्रहण के सूतक काल में इष्ट देव का जाप करना चाहिए?

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क्या चंद्रग्रहण के सूतक काल में इष्ट देव का जाप करना चाहिए?

सारांश

इस रविवार को होने वाला चंद्रग्रहण न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भी इसकी अद्वितीयता है। जानें कैसे सूतक काल में इष्ट देव का जाप करने से विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है।

Key Takeaways

  • सूतक काल चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू होता है।
  • इस समय इष्ट देव का जाप करना लाभकारी होता है।
  • गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
  • ग्रहण के दौरान भोजन बनाना और खाना वर्जित है।
  • पुजास्थल की सफाई और गंगाजल का छिड़काव जरूरी है।

मुंबई, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण रविवार को होने जा रहा है। यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा, जो पूरे देश में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा। इस विशेष अवसर पर सूतक काल भी मान्य होगा। धार्मिक विषयों और संस्कृत शास्त्रों के विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य पंडित विवेक मिश्रा ने सूतक काल से संबंधित नियमों और सावधानियों के बारे में आवश्यक जानकारी साझा की है।

पंडित विवेक मिश्रा ने बताया कि ग्रहण का आरंभ रात 9:58 बजे होगा और यह रात 1:26 बजे (8 सितंबर) समाप्त होगा। इसकी कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट होगी।

उन्होंने कहा कि चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल की शुरुआत होती है और यह ग्रहण समाप्त होने तक जारी रहता है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि सूतक काल शुरू होने से पहले भोजन तैयार कर लें और खा लें, क्योंकि इस दौरान खाना पकाना, खाना खाना और पूजा-पाठ जैसे धार्मिक कार्य वर्जित माने जाते हैं।

पंडित मिश्रा ने आगे बताया, "सूतक काल से पहले अपने घर के पूजा स्थल को साफ कर लेना चाहिए और वहां गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए ताकि वातावरण शुद्ध हो जाए। खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालने चाहिए, जिससे उनकी शुद्धता बनी रहे।"

उन्होंने कहा कि सूतक काल के दौरान इष्ट देव का नाम जपना अत्यंत लाभकारी माना गया है। इस समय मंत्र जप विशेष फलदायी होता है।

पंडित मिश्रा ने कहा, "मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल में जो मंत्र जपे जाते हैं, वे शीघ्र सिद्ध होते हैं। विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को इस दौरान मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे मां-बच्चा दोनों की सुरक्षा होती है।"

गर्भवती महिलाओं को चंद्रग्रहण के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और उन्हें तेज या नुकीली चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए। ग्रहण के समय सोना और भोजन करना वर्जित माना जाता है, लेकिन गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य कारणों से ताजे फल, सात्विक भोजन और आवश्यक दवाइयां ले सकती हैं। पहले से बना खाना ग्रहण से पहले हटा लें और बाद में ताजा बनाएं।

Point of View

चंद्रग्रहण का यह अनुभव न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे समाज की सांस्कृतिक धरोहर को भी रेखांकित करता है। यह अवसर हमें ध्यान, साधना और आत्मनिरीक्षण का विचार करने का मौका देता है।
NationPress
07/09/2025

Frequently Asked Questions

चंद्रग्रहण क्या होता है?
चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूरज और चंद्रमा के बीच आती है, जिससे चंद्रमा पर छाया पड़ती है।
सूतक काल कब शुरू होता है?
सूतक काल चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू होता है और ग्रहण समाप्त होने तक रहता है।
गर्भवती महिलाओं को सूतक काल के दौरान क्या करना चाहिए?
गर्भवती महिलाओं को इस दौरान मंत्रों का जाप करना चाहिए और घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।