क्या छत्तीसगढ़ के डीजी ने तड़मेटला एफओबी का दौरा कर 2026 से पहले माओवाद मुक्त बस्तर का वादा दोहराया?

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क्या छत्तीसगढ़ के डीजी ने तड़मेटला एफओबी का दौरा कर 2026 से पहले माओवाद मुक्त बस्तर का वादा दोहराया?

सारांश

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक जीपी सिंह ने तड़मेटला एफओबी का दौरा किया और माओवाद मुक्त बस्तर का वादा दोहराया। जानिए इस दौरे की खास बातें और जवानों की प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • सीआरपीएफ के डीजी का तड़मेटला एफओबी दौरा
  • मार्च 2026 तक बस्तर को माओवादी मुक्त करने का वादा
  • 150 से अधिक माओवादी मारे गए
  • 700 से ज्यादा माओवादियों ने सरेंडर किया
  • जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए डीजी का प्रयास

सुकमा, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक जीपी सिंह ने शुक्रवार को दक्षिण बस्तर के सबसे संवेदनशील क्षेत्र में स्थित तड़मेटला फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) का आकस्मिक दौरा किया।

यह बेस पिछले वर्ष कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में हुए बड़े ऑपरेशन ‘ब्लैक फॉरेस्ट’ के बाद स्थापित किया गया था, जिसमें सुरक्षा बलों ने माओवादियों के कई प्रमुख कमांडरों को मार गिराया था।

डीजी ने एफओबी पर मौजूद सभी यूनिट के कमांडरों के साथ लगभग तीन घंटे तक वर्तमान स्थिति और भविष्य की रणनीति पर गंभीर चर्चा की। उन्होंने पिछले दो वर्षों में माओवादियों के कोर क्षेत्र पर बने लगातार दबाव की सराहना की। डीजी ने कहा कि जिस गति से माओवादी भाग रहे हैं, सरेंडर कर रहे हैं या मारे जा रहे हैं, वह अद्वितीय है।

इसके बाद जीपी सिंह ने 205वीं कोबरा बटालियन और 196वीं बटालियन के जवानों से संवाद किया। जवानों ने जंगल में रहकर आने वाली समस्याएं और अपने सुझाव साझा किए।

डीजी ने सभी के सामने स्पष्ट शब्दों में कहा, “मार्च 2026 से पहले हम दक्षिण बस्तर के इस पूरे क्षेत्र को माओवादी प्रभाव से पूरी तरह मुक्त कर देंगे। यह मेरा आप सभी से वादा है और हम इसे अवश्य पूरा करेंगे।”

जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए डीजी स्वयं जवानों के साथ बड़ाखाना में शामिल हुए। उन्होंने सभी के साथ एक ही पंगत में भोजन किया और रात भी तड़मेटला एफओबी पर ही बिताई। जवानों ने इसे कमांडर और जवान के बीच सच्ची दोस्ती और विश्वास का बेहतरीन उदाहरण माना।

सीआरपीएफ अधिकारियों के अनुसार, पिछले एक वर्ष में दक्षिण बस्तर में 150 से अधिक माओवादी मारे गए हैं और 700 से ज्यादा ने सरेंडर किया है। कई बड़े कैंप और ठिकाने नष्ट किए गए हैं। तड़मेटला जैसे नए एफओबी के निर्माण से सुरक्षा बल गहरे जंगलों में लंबे समय तक रहकर ऑपरेशन चला रहे हैं।

डीजी का यह दौरा जवानों में नई ऊर्जा भर गया है और माओवाद के खिलाफ लड़ाई को अंतिम लक्ष्य तक ले जाने का संकल्प और मजबूत हुआ है।

Point of View

जिससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा का माहौल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है।
NationPress
21/11/2025

Frequently Asked Questions

तड़मेटला एफओबी क्या है?
तड़मेटला एफओबी एक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस है जो माओवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की गतिविधियों को सुगम बनाने के लिए स्थापित किया गया है।
सीआरपीएफ के डीजी का दौरा क्यों महत्वपूर्ण है?
डीजी का दौरा सुरक्षा बल के मनोबल को बढ़ाने और माओवादियों के खिलाफ रणनीति को स्पष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण है।
कितने माओवादी मारे गए हैं?
पिछले एक वर्ष में दक्षिण बस्तर में 150 से अधिक माओवादी मारे गए हैं।
क्या 2026 तक बस्तर माओवादी मुक्त हो सकेगा?
डीजी जीपी सिंह ने वादा किया है कि मार्च 2026 तक बस्तर को माओवादी प्रभाव से मुक्त किया जाएगा।
जवानों की प्रतिक्रिया क्या थी?
जवानों ने डीजी के साथ संवाद करके अपनी समस्याएं साझा कीं और दौरे को सकारात्मक माना।
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