क्या छत्तीसगढ़ में लाभार्थियों का सपना पूरा हो रहा है, ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ से?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री आवास योजना ने हजारों गरीबों के लिए घर का सपना साकार किया।
- यह योजना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की नई इबारत लिख रही है।
- लाभार्थियों का जीवन स्तर बेहतर हुआ है।
मोहला, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कभी नक्सलवाद का गढ़ कहे जाने वाला छत्तीसगढ़ का मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिला अब तेजी से बदल रहा है। इसका मुख्य कारण है केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ घर-घर तक पहुंचना। विशेष रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना ने इस क्षेत्र के हजारों गरीब परिवारों के लिए अपने पक्के घर का सपना साकार किया है।
यह योजना नक्सल प्रभावित इस जिले में गरीबों के लिए नींव का पत्थर साबित हो रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इस क्षेत्र के कई परिवारों को पक्के मकान प्राप्त हुए हैं, जिससे उनकी ज़िंदगी में बड़ा परिवर्तन आया है।
लाभार्थियों का कहना है कि यह योजना उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। वे सरकार का बार-बार धन्यवाद कर रहे हैं।
लाभार्थी बबीता ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि पहले वे कच्चे मकान में रहते थे। बारिश के दिनों में छत से पानी टपकता था और सीलन के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था। मिट्टी का घर होने के कारण बरसात में बहुत कठिनाई होती थी। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें पक्का मकान मिला। अब वे आराम से अपने घर में रहते हैं और इसके लिए सरकार का धन्यवाद करते हैं।
लाभार्थी कमल सिंह यादव ने कहा कि पहले वे कच्चे मकान में रहते थे, जहाँ बारिश के दिनों में पानी टपकने की समस्या थी। सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान बनाने के लिए आर्थिक सहायता दी। अब वे पक्के मकान में रहते हैं और उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई यह योजना उन लोगों के सपनों को पूरा करने में मील का पत्थर साबित हो रही है, जो आर्थिक तंगी के कारण कच्चे मकान में जीवन व्यतीत कर रहे थे।
यह योजना न केवल गरीबों के लिए आशियाना उपलब्ध करा रही है, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की नई इबारत भी लिख रही है। योजना के लाभार्थियों ने सरकार की इस पहल की सराहना करते हुए इसे अपनी जिंदगी में आए सकारात्मक बदलाव का आधार मान रहे हैं।