क्या छत्तीसगढ़ मुठभेड़ में शीर्ष माओवादी कमांडर श्रवण ढेर हो गया?

सारांश
Key Takeaways
- छत्तीसगढ़ में माओवादी कमांडर श्रवण मड़कम मारा गया।
- मुठभेड़ में कुल तीन माओवादी मारे गए।
- तलाशी अभियान में विभिन्न प्रकार के हथियार बरामद हुए।
- इस मुठभेड़ ने माओवादी गतिविधियों को एक बड़ा झटका दिया है।
- सुरक्षा बलों की स्थिति क्षेत्र में मजबूत हुई है।
रायपुर, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के तियारपानी जंगलों में माओवादियों और पुलिस बलों के बीच चल रही मुठभेड़ में शीर्ष माओवादी कमांडर श्रवण मड़कम उर्फ विश्वनाथ उर्फ बुधराम पुनेम का निधन हो गया।
यह अभियान रविवार से जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों द्वारा मिलकर चलाया जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक इंदिरा कल्याण एलिसेला ने श्रवण की मौत की पुष्टि की, जो सीतानदी-रावस समन्वय क्षेत्र समिति के सचिव के रूप में कार्यरत थे।
उनके साथ अन्य दो माओवादी, राजेश उर्फ राकेश हेमला और बसंती कुंजाम उर्फ हिडमें पीएम भी मारे गए।
यह मुठभेड़ धमतरी-ओडिशा सीमा के निकट कांकेर पुलिस थाना क्षेत्र के छिंदखरक गांव के पास पहाड़ी वन क्षेत्र में हुई।
तलाशी अभियान में तीनों माओवादी के शवों के साथ-साथ एक एसएलआर, एक 303 राइफल, एक 12 बोर राइफल और अन्य माओवादी सामग्री भी बरामद की गई।
तीनों मृत माओवादियों पर कुल मिलाकर 14 लाख रुपए का इनाम था। श्रवण पर अकेले 8 लाख रुपए का इनाम रखा गया था।
एलिसेला ने बताया कि संयुक्त टीम ने कांकेर के मध्य वन क्षेत्र में माओवादियों की गतिविधियों के बारे में खुफिया जानकारी के आधार पर अभियान शुरू किया।
मुठभेड़ अभी भी जारी है और सुरक्षा बल के जवान घने जंगल क्षेत्र में तलाशी अभियान जारी रखे हुए हैं।
यह घटनाक्रम क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा।
अधिकारियों का मानना है कि इस अभियान से छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर सक्रिय माओवादी गुटों के बीच समन्वय बिगड़ जाएगा। आसपास के जिलों में सुरक्षा को कड़ा किया गया है और इलाके की पूरी तरह से तलाशी सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।
पुलिस ने माओवादी प्रभाव को समाप्त करने और प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।