क्या छत्तीसगढ़ में एनएफएसयू का नया कैंपस बनेगा, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का बड़ा ऐलान?

सारांश
Key Takeaways
- छत्तीसगढ़ में एनएफएसयू का नया कैंपस स्थापित होगा।
- केंद्र सरकार द्वारा 350-400 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
- भूमि पूजन 22 और 23 तारीख को होगा।
- छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा का अवसर मिलेगा।
- नक्सलवाद के खिलाफ विशेष कार्य बल का गठन किया जाएगा।
रायपुर, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने यह जानकारी दी है कि राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) का एक नया कैंपस छत्तीसगढ़ में स्थापित किया जाएगा। यह कैंपस नया रायपुर में 40 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा, जिसके लिए राज्य सरकार ने भूमि उपलब्ध कराई है।
केंद्र सरकार द्वारा लगभग 350-400 करोड़ रुपये की लागत से इस कैंपस का बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा। इस परियोजना का भूमि पूजन 22 और 23 तारीख को होगा, जिसमें एक अत्याधुनिक फोरेंसिक लैब की आधारशिला रखी जाएगी। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी उपस्थित रहेंगे।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि नए आपराधिक कानूनों, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में सात साल या उससे अधिक की सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस कैंपस के बनने से छत्तीसगढ़ के छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, साथ ही फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में प्रशिक्षित मैनपावर की आवश्यकता को पूरा करने में मदद मिलेगी। एनएफएसयू का यह कैंपस राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
इसके साथ ही, 6-7 एकड़ की अतिरिक्त भूमि पर छत्तीसगढ़ सरकार का स्वयं का फोरेंसिक लैब भी बनाए जाने की योजना है। जब तक एनएफएसयू का स्थायी कैंपस तैयार नहीं हो जाता, तब तक एक ट्रांजिट कैंपस के माध्यम से पढ़ाई शुरू की जाएगी। यह ट्रांजिट कैंपस इसी शैक्षणिक सत्र से डिजिटल रूप से प्रारंभ होगा, जिससे छात्रों को तुरंत लाभ मिल सके। प्रशासनिक तैयारियां पूरी की जा रही हैं और केंद्र सरकार का पूरा सहयोग इस परियोजना को सफल बनाने में मिलेगा।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलवाद के मुद्दे पर भी विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित परिवारों, विशेषकर शहीद परिवारों के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे। यदि शहीद परिवारों के परिजन पुलिस या संबंधित विभागों में कार्य नहीं करना चाहते, तो उन्हें अन्य विभागों में आवेदन करने का अवसर दिया जाएगा। इसके लिए उनके आवेदनों को प्राथमिकता दी जाएगी। नक्सलवाद के खिलाफ अभियान को और तेज करने के लिए प्रत्येक जिले में विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया जा रहा है। इसके साथ ही, जनता से फीडबैक लेने के लिए एक टोल-फ्री नंबर जल्द जारी किया जाएगा, और डिजिटल माध्यमों से भी लोगों की राय ली जाएगी।
उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने वोट बैंक की राजनीति के लिए कई गलत नीतियां अपनाईं, जिन्हें सुधारने के लिए अब बड़े अभियान की आवश्यकता है। समाज की उन्नति और सुरक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और नक्सलवाद के दंश को झेल चुके परिवारों के लिए संवेदनशीलता के साथ कदम उठाए जा रहे हैं।