क्या आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने टोनी ब्लेयर से महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की?

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क्या आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने टोनी ब्लेयर से महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की?

सारांश

आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने टोनी ब्लेयर के साथ नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में शिक्षा, AI और कौशल विकास पर चर्चा हुई। जानें इस सहयोग से आंध्र प्रदेश को क्या लाभ हो सकता है।

Key Takeaways

  • शिक्षा के क्षेत्र में AI का कार्यान्वयन
  • कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित
  • विदेशों में रोजगार के अवसरों का विस्तार
  • ग्लोबल इंस्टीट्यूट फॉर गुड गवर्नेंस की स्थापना
  • आंध्र प्रदेश और टीबीआई के बीच समझौता ज्ञापन

नई दिल्ली, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश के शिक्षा, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री नारा लोकेश ने नई दिल्ली में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री और टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज (टीबीआई) के संस्थापक टोनी ब्लेयर के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।

इस बैठक में शिक्षा और शासन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) उपकरणों के कार्यान्वयन सहित कई महत्वपूर्ण पहलों पर चर्चा की गई। यह बैठक आंध्र प्रदेश सरकार और टीबीआई के बीच दिसंबर 2024 में हुए एक समझौते के बाद हुई प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित की गई थी।

बैठक में शिक्षा के क्षेत्र में एआई उपकरणों को लागू करने पर विशेष ध्यान दिया गया। टोनी ब्लेयर ने इस दिशा में आंध्र प्रदेश सरकार के साथ सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि टीबीआई तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करेगा ताकि शिक्षा प्रणाली को और अधिक प्रभावी और आधुनिक बनाया जा सके।

इसके अतिरिक्त, दोनों पक्षों ने राज्य के कौशल विकास एजेंडे पर भी विचार-विमर्श किया। इस पहल का उद्देश्य युवाओं की कौशल क्षमताओं का आकलन कर उन्हें रोजगार के लिए तैयार करना है।

बैठक में विदेशों में आंध्र प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। टीबीआई इस दिशा में तकनीकी समर्थन प्रदान करेगा, ताकि युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके। इसके लिए कौशल विकास कार्यक्रमों को और सशक्त करने की योजना बनाई गई है।

एक अन्य महत्वपूर्ण चर्चा ग्लोबल इंस्टीट्यूट फॉर गुड गवर्नेंस (जीआईजीजी) की स्थापना को लेकर हुई। नारा लोकेश ने टोनी ब्लेयर को जीआईजीजी के सलाहकार बोर्ड में शामिल होने का निमंत्रण दिया, जिसे ब्लेयर ने सकारात्मक रूप से लिया। जीआईजीजी का उद्देश्य शासन में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा देना है और इस दिशा में टीबीआई के साथ सहयोग महत्वपूर्ण साबित होगा।

आंध्र प्रदेश सरकार और टीबीआई के बीच कौशल विकास और जीआईजीजी की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह एमओयू दोनों पक्षों के बीच सहयोग को और मजबूत करेगा। इसके अलावा, ब्लेयर ने घोषणा की कि टीबीआई अगस्त में विशाखापत्तनम में आयोजित होने वाले राज्य शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भागीदार होगा। इस सम्मेलन में शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी प्रगति पर विचार-विमर्श होगा।

यह सहयोग आंध्र प्रदेश को शिक्षा, कौशल विकास और शासन के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। टीबीआई के तकनीकी समर्थन और वैश्विक अनुभव से राज्य को अपनी नीतियों को और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।

Point of View

बल्कि यह पूरे देश के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करती है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय सहयोग से स्थानीय मुद्दों का समाधान किया जा सकता है। यह कदम युवा पीढ़ी के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

बैठक में किस विषय पर चर्चा की गई?
बैठक में शिक्षा, AI और कौशल विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
टीबीआई का आंध्र प्रदेश के लिए क्या महत्व है?
टीबीआई आंध्र प्रदेश को तकनीकी विशेषज्ञता और वैश्विक अनुभव प्रदान करेगा, जिससे शिक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सकेगा।
जीआईजीजी का उद्देश्य क्या है?
जीआईजीजी का उद्देश्य शासन में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा देना है।