क्या राजनांदगांव ने राष्ट्रीय पुरस्कारों में सफलता पाई?
सारांश
Key Takeaways
- राजनांदगांव ने दो राष्ट्रीय पुरस्कार जीते।
- पुरस्कार का सम्मान राष्ट्रपति द्वारा किया गया।
- जल संरक्षण में जनभागीदारी का महत्व।
- महिलाओं की 70 प्रतिशत भागीदारी।
- मिशन जल रक्षा का सफल क्रियान्वयन।
राजनांदगांव, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के लिए मंगलवार का दिन एक विशेष उपलब्धि का प्रतीक बन गया। राष्ट्रीय जल मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत इस जिले को एक साथ दो राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। यह सम्मान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में प्रदान किया गया।
राजनांदगांव जिला राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रतियोगिता में विभिन्न चरणों के निरीक्षण एवं मूल्यांकन के बाद ईस्ट जोन का सर्वश्रेष्ठ जिला चुना गया। यह प्रतियोगिता जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित की गई थी। पुरस्कार जिले के कलेक्टर जितेंद्र यादव और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुरुचि सिंह ने ग्रहण किया।
उसी कार्यक्रम में जल संरक्षण एवं जनभागीदारी के प्रयासों के लिए राजनांदगांव को अन्य जिलों के साथ 2 करोड़ रुपएजनभागीदारी प्रोत्साहन पुरस्कार भी प्रदान किया गया। यह उपलब्धि मिशन जल रक्षा के सफल क्रियान्वयन का परिणाम रही है, जिसमें जिले के नागरिकों, महिलाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं, उद्योगपतियों और जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, जिले के तीन विकासखंड भू-जल स्तर के मामले में सेमी-क्रिटिकल जोन में हैं। जिले में 85 प्रतिशत भू-जल सिंचाई, 13 प्रतिशत घरेलू उपयोग और 2 प्रतिशत औद्योगिक उपयोग के लिए हो रहा है। तेजी से गिरते जल स्तर को देखते हुए जिले ने जल शक्ति अभियान के अंतर्गत कैच द रेन मोर गांव मोर पानी कार्यक्रम की शुरुआत की।
जिले में किए गए प्रमुख नवाचारों में 70 प्रतिशत से अधिक महिलाओं की भागीदारी दर्ज की गई। इनमें रिचार्ज सॉफ्ट बोरवेल, सेंड फिल्टर तकनीक, परकुलेशन टैंक में इंजेक्शन वेल तैयार करने जैसे प्रयास शामिल रहे। सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड रायपुर ने जीआईएस पद्धति को प्रमाणित करते हुए तकनीकी प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान किया।