क्या असम के मुख्यमंत्री ने जुबीन गर्ग को शराब पीने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया?
सारांश
Key Takeaways
- जुबीन गर्ग को शराब पीने के लिए मजबूर करने का आरोप।
- मुख्यमंत्री ने इस विवाद में अपने विचार साझा किए।
- सामाजिक भलाई के कार्यों के माध्यम से जुबीन गर्ग को याद करने की अपील।
गुवाहाटी, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को जुबीन गर्ग के निजी जीवन के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि दिवंगत सांस्कृतिक प्रतीक खुद शराब के खिलाफ थे।
सरमा ने आरोप लगाया कि गायक के करीबी लोगों ने उसके सरल और भरोसेमंद स्वभाव का लाभ उठाकर उसे जबरन शराब पीने के लिए मजबूर किया।
उन्होंने इसे उनकी संपत्ति को गलत तरीके से हड़पने की कथित साजिश का हिस्सा बताया।
मुख्यमंत्री सरमा ने दिवंगत संगीतज्ञ जुबीन गर्ग को उनकी 53वीं जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी और युवाओं से मार्मिक अपील की।
मुख्यमंत्री ने इस प्रतिष्ठित गायक की चिरस्थायी विरासत का सम्मान करने की सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर दिया। उन्होंने युवा पीढ़ी से आग्रह किया कि वे हानिकारक आदतों में लिप्त होने के बजाय सामाजिक भलाई के कार्यों के माध्यम से जुबीन गर्ग के जीवन को याद करें।
उन्होंने कलाकार की भावना के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में रक्तदान और वंचित बच्चों की सहायता जैसी गतिविधियों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया।
सरमा ने कहा कि इस तरह हम जुबीन गर्ग को हमेशा के लिए जीवित रख सकते हैं। उन्होंने प्रशंसकों के लिए अपने आदर्श को याद रखने के रचनात्मक मार्ग पर प्रकाश डाला।
सीएम के इस नए बयान ने जुबीन गर्ग के अंतिम दिनों से जुड़ी सार्वजनिक बहस में एक नया आयाम जोड़ दिया है। इससे उनके करीबी लोगों की कथित भूमिका और इरादों पर ध्यान केंद्रित हुआ है।
इस बीच, मामले से जुड़ी कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। राज्य सरकार ने सभी पहलुओं का खुलासा सुनिश्चित करने के लिए गहन और पारदर्शी जांच के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
असम की सबसे प्रतिष्ठित सांस्कृतिक हस्तियों में से एक, जुबीन गर्ग का निधन जनता के बीच गहरी भावनाओं को जगा रहा है, न्याय की व्यापक मांग के साथ-साथ उनके समृद्ध कलात्मक योगदान को संरक्षित करने का प्रयास भी जारी है।