क्या उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या पर चिराग पासवान ने सरकार को चेताया?

सारांश
Key Takeaways
- चिराग पासवान ने गोपाल खेमका की हत्या को सरकार के लिए चिंता का विषय बताया।
- उन्हें असामाजिक तत्वों के बढ़ते प्रभाव पर गौर करने की आवश्यकता है।
- बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए।
पटना, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने पटना में उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या पर चिंता जताते हुए कहा कि यह सरकार के लिए "चिंता का विषय" होना चाहिए। ऐसी घटनाएं, चाहे गांव में हों या शहर में, सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए।
चिराग पासवान ने अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जयंती के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में उल्लेख किया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सुशासन का शासन रहा है, लेकिन हाल के दिनों में असामाजिक तत्वों को किस प्रकार बल मिला है, इस पर विचार करना आवश्यक है। यह एक गंभीर मुद्दा है और इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में वह सरकार से चर्चा करेंगे।
महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर उठे विवाद पर उन्होंने कहा, "भारत की भाषाएं यहां की खूबसूरती हैं।" वे भाषा को सहेलियों की तरह मानते हैं जो एक-दूसरे के साथ मिलकर बढ़ती हैं। हालांकि, कुछ स्वार्थी राजनीतिक दलों द्वारा इस विषय पर भेदभाव की राजनीति को बढ़ावा देना गलत है।
उन्होंने ठाकरे भाइयों के एक मंच पर आने पर कहा कि वे "स्वार्थ के लिए" एकजुट हो रहे हैं, खोई जमीन को तलाशने के लिए।
बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य सही मतदाताओं को उनका अधिकार दिलाना है। कई बार देखा गया है कि दिवंगत व्यक्तियों के नाम भी सूची में हैं, इसलिए इसे सरल बनाने की आवश्यकता है। घुसपैठियों को लेकर चिंता जताते हुए उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील की। यह एक पारदर्शी प्रक्रिया है और इसे अपनाना आवश्यक है।
उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जयंती को एक त्योहार की तरह मनाया और इसे सभी कार्यकर्ताओं के लिए "संकल्प दिवस" बताया। उनके आदर्शों को पूरा करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।