क्या कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए जरूरी है या सिर्फ इसकी अधिकता खतरनाक है?
सारांश
Key Takeaways
- कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए आवश्यक है, लेकिन इसकी अधिकता खतरनाक हो सकती है।
- एलडीएल को खराब और एचडीएल को अच्छा कोलेस्ट्रॉल माना जाता है।
- घरेलू उपाय जैसे नींबू पानी और लहसुन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर सकते हैं।
- व्यायाम और संतुलित आहार कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने में सहायक हैं।
- समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहना जरूरी है।
नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कोलेस्ट्रॉल केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है। यह शरीर में उत्पन्न होने वाली एक आवश्यक वसा है, जो ना केवल हार्मोन बनाने में सहायक है, बल्कि विटामिन डी के निर्माण और कोशिकाओं की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
समस्या तब उत्पन्न होती है जब इसके स्तर में वृद्धि हो जाती है। आयुर्वेद में इसे रक्त मेद दुष्टि कहा गया है, जिसमें मेद की गुणवत्ता घट जाती है, जिससे रक्त चिपचिपा हो जाता है और प्रवाह धीमा हो जाता है।
कोलेस्ट्रॉल के तीन प्रमुख प्रकार होते हैं: एलडीएल, एचडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स। एलडीएल को खराब कोलेस्ट्रॉल माना जाता है, क्योंकि यह धमनियों की दीवारों पर जमने लगता है, समय के साथ प्लाक बना देता है। इससे हृदय की नलिकाएं संकुचित हो जाती हैं। दूसरी ओर, एचडीएल अच्छा कोलेस्ट्रॉल होता है, जो शरीर से अनचाहा एलडीएल हटाकर इसे लिवर तक पहुंचाता है। महिलाओं के लिए एचडीएल की सही मात्रा 50 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से ऊपर होनी चाहिए। तीसरा प्रकार ट्राइग्लिसराइड्स है, जो अतिरिक्त चीनी और कार्ब्स से बनता है और सर्दियों में मीठा खाने से तेजी से बढ़ता है।
कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का खतरा इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह धमनियों को धीरे-धीरे कठोर बना देता है। इससे बॉडी प्रेशर बढ़ता है और हार्ट अटैक का जोखिम भी बढ़ जाता है। कई लोगों को यह नहीं पता होता कि खराब रक्त प्रवाह दिमाग में ऑक्सीजन की कमी कर सकता है, जिससे ब्रेन-फॉग, भूलने की आदत और भारीपन महसूस होता है। शरीर में सूजन, थकान, नींद की कमी और जोड़ों में दर्द भी इसी श्रेणी में आते हैं।
घरेलू उपायों के अनुसार, सुबह खाली पेट गुनगुना पानी और थोड़ी नींबू का सेवन शरीर की चिपचिपाहट को कम करता है। रोजाना 5 बादाम और 1 अखरोट का सेवन एचडीएल बढ़ाने का सरल तरीका है। मेथी के दाने रातभर भिगोकर खाना, लहसुन की 1–2 कली खाली पेट, और रात में हल्दी वाला दूध ये सभी शरीर में जमा वसा को कम करने और सूजन घटाने में सहायक हो सकते हैं।
प्रतिदिन 20 मिनट तेज चलना बेहद प्रभावी है। जौ या सत्तू का शर्बत हफ्ते में दो बार लेना और 70 प्रतिशत पेट भरकर खाना भी अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक आदतें हैं। तले हुए भोजन और मिठाई को एक साथ न खाना और धनिया-पानी जैसे सरल घरेलू उपाय भी वजन और लिपिड स्तर को संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं।