क्या चुकंदर औषधीय गुणों का पावरहाउस है? जानें आयुर्वेद से इसके चमत्कारी फायदे

सारांश
Key Takeaways
- चुकंदर रक्तवर्धक और पोषण से भरपूर है।
- यह वजन घटाने में सहायक है।
- चुकंदर का सेवन हृदय और लिवर के लिए लाभकारी है।
- यह त्वचा को स्वस्थ रखता है।
- अधिक मात्रा में सेवन से पेट फूलने की समस्या हो सकती है।
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। चुकंदर केवल एक साधारण लाल रंग की सब्जी नहीं है, बल्कि यह पोषण और औषधीय गुणों का अद्भुत संग्रह है। आयुर्वेद में इसे 'रक्तवर्धक औषधि' माना गया है, क्योंकि यह एनीमिया को दूर करने में अत्यधिक लाभकारी है।
इसका स्वाद हल्का मीठा और तासीर ठंडी होती है, जिससे यह पित्त दोष को संतुलित करता है और रक्त को शुद्ध करता है। चुकंदर आयरन, फोलेट, पोटैशियम, मैग्नीशियम, विटामिन सी और फाइबर का समृद्ध स्रोत है, जो शरीर को संपूर्ण पोषण प्रदान करता है। इसमें मौजूद बीटालाइन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।
चुकंदर का नियमित सेवन न केवल हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है, बल्कि रक्तचाप को नियंत्रित भी करता है और दिल को स्वस्थ बनाए रखता है। इसमें मौजूद नाइट्रेट्स शरीर में जाकर नाइट्रिक ऑक्साइड का निर्माण करते हैं, जिससे रक्तवाहिकाएं चौड़ी होती हैं और ब्लड प्रेशर कम होता है।
यह लिवर की सफाई करता है, हृदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और त्वचा को जवान बनाए रखने में मदद करता है। कम कैलोरी और उच्च फाइबर के कारण यह वजन घटाने में भी सहायक है। इसके साथ ही, चुकंदर मासिक धर्म में हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है और दर्द व थकान से राहत देता है।
आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खों में इसका उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है, जैसे चुकंदर, गाजर और आंवला का रस मिलाकर एक उत्तम रक्तवर्धक टॉनिक बनाना। चुकंदर, नींबू और पुदीना का शरबत लिवर को शुद्ध करता है, वहीं चुकंदर और शहद का सेवन थकान को तुरंत दूर करता है। त्वचा पर चुकंदर का रस लगाने से दाग-धब्बे और झुर्रियां कम होती हैं, जबकि बालों में लगाने से डैंड्रफ और हेयर फॉल की समस्या घटती है।
रोचक बात यह है कि प्राचीन रोम में इसे लव रूट कहा जाता था और नासा इसे स्पेस फूड मानता है। हालाँकि, एक दिन में 100-150 ग्राम से अधिक इसका सेवन न करें, क्योंकि अधिक मात्रा में सेवन से गैस या पेट फूलने की समस्या हो सकती है।