क्या चुनाव आयोग सही तरीके से काम नहीं कर रहा? राष्ट्रपति को सौंपेंगे हस्ताक्षर पत्र: किशोरी लाल शर्मा
सारांश
Key Takeaways
- चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल उठाए गए हैं।
- मतदाता सूची से नामों को हटाना लोकतंत्र के लिए खतरा है।
- कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को लेकर गंभीर है।
- 5 करोड़ हस्ताक्षर राष्ट्रपति को सौंपे जाएंगे।
- बिहार में मतदान प्रतिशत 64% के पार पहुंचा।
लखनऊ, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद किशोरी लाल शर्मा ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि देश में लोकतंत्र की नींव तभी मजबूत रह सकती है, जब चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष हो। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि इस बार चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रहा है।
शर्मा ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "चुनाव आयोग सही तरीके से अपना कार्य नहीं कर रहा है। कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को लेकर चिंतित है और देश का हर नागरिक इस स्थिति से परेशान है। लोग मतदान करना चाहते हैं, लेकिन उनके नाम वोटर लिस्ट से गायब कर दिए गए हैं। यह एक गंभीर समस्या है।"
किशोरी लाल शर्मा ने कहा कि मतदाता सूची से नामों को हटाना लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि जब देश के नागरिक अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी निभाने के लिए बूथों पर पहुंचते हैं, तो उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता है कि उनके नाम सूची में नहीं हैं।
उन्होंने आगे कहा, "वोट डालना हर नागरिक का अधिकार है और यदि यह अधिकार छीना जा रहा है, तो फिर हम किस लोकतंत्र की बात कर रहे हैं?"
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को लगातार उठाती रहेगी और चाहती है कि चुनाव आयोग तुरंत इसकी जांच करे। अगर आयोग निष्पक्ष नहीं रहेगा, तो फिर जनता का भरोसा कैसे कायम रहेगा?
बिहार चुनाव और एसआईआर मुद्दे पर भी कांग्रेस सांसद ने कहा कि जिस चिंगारी को राहुल गांधी ने देशभर में जलाया था, उसी से लोगों में जागरूकता की लहर फैली है। राहुल गांधी के एसआईआर मुद्दे पर उठाए गए सवालों ने पूरे देश के लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। आज आम नागरिक अपने अधिकारों के प्रति पहले से कहीं अधिक जागरूक है।
उन्होंने कहा कि इसी जागरूकता का परिणाम बिहार में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है, जहां इस बार वोटिंग प्रतिशत 64 प्रतिशत के पार पहुंच गया है। लोग अब समझ गए हैं कि उनका वोट ही असली ताकत है।
उन्होंने कहा, "इस मुद्दे पर हम लोग 5 करोड़ से ज्यादा हस्ताक्षर राष्ट्रपति को सौंपेंगे, क्योंकि यह जनता की आवाज है। हम राष्ट्रपति से कहेंगे कि जनता ने 'वोट चोरी' के खिलाफ हस्ताक्षर किए हैं। कृपया इस पर ध्यान दें और संवैधानिक संस्थाओं को निर्देशित करें कि वे अपना कार्य संविधान के दायरे में करें।"