क्या प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर अधिकार मांगने वालों को पिटवाने का आरोप लगाया?
सारांश
Key Takeaways
- सरकार का अधिकार मांगने वालों के प्रति नकारात्मक रवैया
- बिहार में बेरोजगारी और पेपर लीक की गंभीर स्थिति
- महागठबंधन के संभावित परिवर्तन
- राजनीतिक माहौल में बदलाव की आवश्यकता
- प्रियंका गांधी का प्रभावशाली नेतृत्व
पूर्णिया, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को पूर्णिया में आयोजित एक जनसभा में सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि अधिकार मांगने वालों को यह सरकार पुलिस से पिटवाती है। यह मानसिकता ऐसी है कि प्रदर्शन करने वालों को यहाँ दबाया जाता है, जबकि कांग्रेस की सरकार के दौरान प्रधानमंत्री गांव-गांव जाकर किसानों से मिलते थे।
उन्होंने अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने उन्हें एक वृद्ध महिला की डांट खाते देखा है। उन्होंने कहा, "जनता का दुख-दर्द जानना और उनके लिए काम करना एक प्रधानमंत्री का कर्तव्य है।" उस महिला की नाराजगी केवल एक नल लगाने की थी। यह उस समय की मानसिकता थी, जो देश की राजनीति की नींव है।
बिहार में बेरोजगारी के मुद्दे पर बोलते हुए प्रियंका ने कहा कि बिहार के युवा सेना में भर्ती होकर देश सेवा का सपना देखते थे, लेकिन केंद्र सरकार ने अग्निवीर योजना लाकर उनके सपनों को तोड़ दिया। यहाँ एक तरफ युवा दिन-रात मेहनत करते हैं, जबकि पेपर लीक से उनका भविष्य बर्बाद हो जाता है। यह कोई एक बार की बात नहीं है, बिहार में लगातार पेपर लीक हो रहा है।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने का विश्वास जताते हुए कहा कि बिहार की जनता बड़े बदलाव के लिए तैयार है। महागठबंधन भारी बहुमत से सरकार बनाने जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी के भाषणों में राजद के दौर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी यहाँ विकास, रोजगार, और महिला सुरक्षा की बात नहीं करते, बल्कि कट्टा, दुनाली, गोलियां, और हत्या जैसी बातें करते हैं।
उन्होंने बिहार को सबसे अधिक पलायन वाला राज्य बताते हुए चिंता व्यक्त की कि यहाँ के युवा परिवार से दूर रहकर काम करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद कई महत्वपूर्ण काम किए जाएंगे और उन्होंने लोगों से कई वादे भी किए।