क्या पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तीसरे राउंड की वार्ता का कोई हल निकला?
सारांश
Key Takeaways
- वार्ता का कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला।
- सीमा पर गोलीबारी जारी है।
- पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने बात की वार्ता की अनिश्चितता पर।
- अफगान पक्ष ने मौखिक समझौते का सम्मान करने का आश्वासन दिया।
- क्षेत्रीय स्थिरता के लिए वार्ता का सफल होना आवश्यक है।
काबुल, ८ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तीसरे राउंड की वार्ता का कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला। एक ओर इस्तांबुल में बैठक चल रही थी, वहीं दूसरी ओर सीमा पर दोनों देशों के बीच गोलीबारी जारी है। अफगान सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि दो दिवसीय इस बैठक का कोई परिणाम नहीं निकला।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अफगानिस्तान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने शनिवार को कहा कि इस्तांबुल, तुर्की में आयोजित शांति वार्ता का कुछ खास नतीजा नहीं निकला।
अफगानी न्यूज एजेंसी ने मुजाहिद के हवाले से कहा, "पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार और सहयोग की कमी के कारण, बैठक बिना किसी ठोस परिणाम के समाप्त हुई।"
इससे पहले, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि वार्ता अब अनिश्चितकालीन चरण में प्रवेश कर चुकी है। उन्होंने संकेत दिया कि अफगान पक्ष लिखित समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार नहीं है, जबकि अफगान प्रतिनिधिमंडल ने मौखिक समझौते का सम्मान करने की इच्छा व्यक्त की है।
हालांकि, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने बताया कि दोनों देशों के बीच फिलहाल युद्धविराम लागू है।
जमीनी स्तर पर स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है। हाल ही में सीमा पर हुई गोलीबारी में लगभग पाँच लोग मारे गए और कई घायल हो गए।
इस्तांबुल में इस वार्ता का नेतृत्व इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक द्वारा किया गया, जिसमें वरिष्ठ सैन्य, खुफिया और विदेश कार्यालय के अधिकारी शामिल थे।
दूसरी ओर, अफगान तालिबान का प्रतिनिधित्व जनरल डायरेक्टोरेट ऑफ इंटेलिजेंस (जीडीआई) के प्रमुख अब्दुल हक वासेक ने किया। अफगान प्रतिनिधिमंडल में सुहैल शाहीन, अनस हक्कानी और उप आंतरिक मंत्री रहमतुल्लाह नजीब समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।