क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंगोला की यात्रा पर रवाना होकर भारत की 10 फीसदी भागीदारी को बढ़ाया?

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क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंगोला की यात्रा पर रवाना होकर भारत की 10 फीसदी भागीदारी को बढ़ाया?

सारांश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंगोला और बोत्सवाना की यात्रा पर रवाना होकर भारत के व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत किया है। यह यात्रा भारतीय राजनयिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। जानिए इस यात्रा के पीछे की कहानी और इसके महत्व के बारे में।

Key Takeaways

  • द्रौपदी मुर्मू का अंगोला और बोत्सवाना की यात्रा
  • भारत की अफ्रीका नीति में नयापन
  • कच्चे तेल का व्यापार महत्वपूर्ण है
  • दोनों देशों के बीच 600-700 मिलियन डॉलर का व्यापार

नई दिल्ली, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को अंगोला और बोत्सवाना की छह दिवसीय राजकीय यात्रा के लिए प्रस्थान किया है। यह यात्रा किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष द्वारा इन देशों की पहली यात्रा है, जिसे विशेष महत्व दिया जा रहा है।

विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रपति मुर्मू के प्रस्थान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं, जिसमें लिखा गया, "भारत की अफ्रीका और वैश्विक दक्षिण के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अंगोला और बोत्सवाना की राजकीय यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह यात्रा भारत की राष्ट्रपति की इन देशों की पहली यात्रा होगी।"

भारत और अंगोला के बीच व्यापार में लगातार वृद्धि हो रही है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-2024 में यह 4.192 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है। भारत अंगोला का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और यहाँ के कुल निर्यात में भारत की भागीदारी 10 फीसदी है, जिसमें कच्चे तेल का व्यापार प्रमुख है।

इसके अतिरिक्त, दोनों देशों के बीच कृषि, चिकित्सा सेवाएँ, फार्मास्यूटिकल्स (जेनेरिक दवाएँ), हीरे का व्यापार, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे में सहयोग भी महत्वपूर्ण है।

भारत और बोत्सवाना के बीच भी गहरे रिश्ते हैं। भारत बोत्सवाना के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साथी है, जहाँ वह मेडिसिन, वाहन, मशीनरी, कपड़े और तकनीकी उपकरणों का निर्यात करता है। वहीं बोत्सवाना भारत को हीरे, तांबा और अन्य खनिज निर्यात करता है। दोनों देशों के बीच लगभग 600-700 मिलियन डॉलर का व्यापार होता है।

राष्ट्रपति मुर्मू की इस यात्रा की जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के आर्थिक मामलों के सचिव सुधाकर दलेला ने कहा, "राष्ट्रपति 8 से 13 नवंबर तक अंगोला और बोत्सवाना की राजकीय यात्रा पर रहेंगी। यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की अंगोला और बोत्सवाना की पहली राजकीय यात्रा होगी। भारत का अफ्रीका के साथ संबंध और गहरा हो रहा है।"

सचिव दलेला ने कहा कि भारत की अफ्रीका नीति 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्थापित 10 सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है। भारत-अफ्रीका फोरम समिट सहयोग के लिए एक व्यापक ढांचा प्रदान करता है। हाल के वर्षों में अफ्रीका में 17 नए मिशनों के उद्घाटन के साथ भारत की राजनयिक उपस्थिति में वृद्धि हुई है।

Point of View

बल्कि राजनयिक संबंधों को भी सुदृढ़ करेगी।
NationPress
08/11/2025

Frequently Asked Questions

राष्ट्रपति मुर्मू की यात्रा का उद्देश्य क्या है?
राष्ट्रपति मुर्मू की यात्रा का उद्देश्य भारत और अंगोला तथा बोत्सवाना के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना है।
भारत का अंगोला के साथ व्यापार कितना है?
भारत और अंगोला के बीच व्यापार 4.192 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है।