क्या चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के बयान को झूठा और भ्रामक बताया?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी का आरोप झूठा और भ्रामक है।
- चुनाव आयोग की वेबसाइट से मतदाता सूची डाउनलोड की जा सकती है।
- सभी राजनीतिक दलों को मतदाता सूची की प्रतियां उपलब्ध कराई जाती हैं।
नई दिल्ली, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए 'वोट चोरी' के आरोपों के चलते राजनीतिक बयानबाजी जारी है। भारत निर्वाचन आयोग के फैक्ट चेक ने उनके इस बयान को झूठा और भ्रामक करार दिया है।
भारत निर्वाचन आयोग फैक्ट चेक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए राहुल गांधी के बयान का उत्तर दिया। आयोग ने कहा कि कांग्रेस के सांसद द्वारा दिए गए आरोप झूठे और भ्रामक हैं।
ईसीआई फैक्ट चेक ने बताया कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह मतदाता हो या कोई राजनीतिक पार्टी, चुनाव आयोग की वेबसाइट से 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की मतदाता सूची को डाउनलोड कर सकता है और स्वयं उसकी जांच कर सकता है।
उन्होंने कहा कि मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के अंतर्गत, प्रत्येक मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को ड्राफ्ट और अंतिम मतदाता सूची की डिजिटल और भौतिक प्रतियां उपलब्ध कराई जाती हैं। हर चुनाव से पहले, प्रारूप और अंतिम मतदाता सूची की डिजिटल और भौतिक प्रतियां सभी राजनीतिक दलों, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) भी शामिल है, को उनके हस्ताक्षर के साथ विधिवत रूप से दी जाती हैं। इसलिए यह दावा कि राजनीतिक दलों को मतदाता सूची की डिजिटल प्रतियां नहीं दी जातीं, पूरी तरह से झूठा और भ्रामक है।
इससे पहले, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा था कि वोट चोरी 'एक व्यक्ति, एक वोट' के बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांत पर हमला है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए स्पष्ट और साफ-सुथरी मतदाता सूची आवश्यक है। चुनाव आयोग से हमारी मांग है कि वह पारदर्शिता दिखाए और डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करे, ताकि जनता और राजनीतिक दल उसका खुद ऑडिट कर सकें।