क्या चुरू में जगुआर क्रैश ने शहीद पायलट लोकेंद्र सिंधु के परिवार में गम का माहौल पैदा किया?

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क्या चुरू में जगुआर क्रैश ने शहीद पायलट लोकेंद्र सिंधु के परिवार में गम का माहौल पैदा किया?

सारांश

चुरू जिले में जगुआर फाइटर जेट के दुर्घटनाग्रस्त होने से शहीद पायलट लोकेंद्र सिंधु के परिवार में गम का माहौल है। उनके सह-पायलट भी इस हादसे में शहीद हुए। परिवार और शहर के लोग इस दुखद घटना में एक साथ हैं।

Key Takeaways

  • जगुआर फाइटर जेट दुर्घटना में दो पायलट शहीद हुए।
  • लोकेंद्र सिंधु का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा।
  • परिवार में नई खुशी के बीच शोक का माहौल है।
  • स्थानीय समुदाय ने शहीदों के परिवार को सांत्वना दी है।
  • भारतीय वायुसेना ने इस हादसे की जांच का आदेश दिया है।

रोहतक, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के चुरू जिले में बुधवार को भारतीय वायुसेना के जगुआर फाइटर जेट के दुर्घटनाग्रस्त होने से रोहतक के देव कॉलोनी निवासी स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु (44) की शहादत ने उनके परिवार और पूरे शहर को गम में डुबो दिया है। लोकेंद्र के पार्थिव शरीर के गुरुवार दोपहर 3 बजे के बाद रोहतक पहुंचने की उम्मीद है।

इस हादसे में उनके सह-पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषि राज सिंह (23) भी शहीद हो गए। लोकेंद्र के पार्थिव शरीर के गुरुवार दोपहर रोहतक पहुंचने की उम्मीद है। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। परिवार और रिश्तेदार सांत्वना देने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं।

लोकेंद्र के चचेरे भाई ने बताया, "लोकेंद्र बहुत अच्छा और मेहनती लड़का था। उसकी हर गतिविधि इतनी शानदार थी कि हर बच्चा वैसा नहीं हो सकता। वह रसोई में दादी के साथ खाना बनाने में भी रुचि लेता था। उसकी कमी हमें बहुत खल रही है।" स्थानीय लोगों और रिश्तेदारों ने बताया कि लोकेंद्र बचपन से ही होनहार और बुद्धिमान थे।

लोकेंद्र के परिवार में उनकी पत्नी सुरभि सिंधु, जो एक डॉक्टर हैं। एक महीने पहले ही उन्होंने बेटे को जन्म दिया है। दोनों की शादी कोविड काल में हुई थी, और 10 जून को उनकी पत्नी ने हिसार स्थित अपने मायके में बेटे को जन्म दिया था। परिवार अभी इस खुशी में डूबा था कि यह दुखद खबर आ गई।

लोकेंद्र के पिता, जोगिंदर सिंह सिंधु, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) से रिटायर्ड सुपरिंटेंडेंट हैं, और परिवार के अन्य सदस्यों को बुधवार दोपहर हादसे की सूचना मिली। उनके बड़े भाई एक निजी कंपनी में काम करते हैं, जबकि उनकी बहन भी पहले वायुसेना में थीं और अब बैंगलोर में एक एमएनसी में कार्यरत हैं।

हादसा चुरू के भानोदा गांव में दोपहर 1:25 बजे हुआ, जब जगुआर ट्रेनर जेट नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था। तकनीकी खराबी के कारण विमान खेत में जा गिरा, जिससे दोनों पायलटों की जान चली गई। भारतीय वायुसेना ने जांच के आदेश दिए हैं। यह इस साल का तीसरा जगुआर जेट हादसा है।

वायुसेना ने शोक जताते हुए कहा, "हम शहीदों के परिवारों के साथ हैं।" हरियाणा और राजस्थान के नेताओं ने भी शोक व्यक्त किया है। रोहतक में लोकेंद्र की शहादत से शोक की लहर है। लोग उनकी वीरता को सलाम कर रहे हैं और परिवार को सांत्वना दे रहे हैं।

Point of View

यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करें। शहीद पायलट लोकेंद्र सिंधु की शहादत ने एक बार फिर हमें यह याद दिलाया है कि हमारे जवान देश की रक्षा के लिए कितने समर्पित हैं।
NationPress
22/07/2025

Frequently Asked Questions

जगुआर फाइटर जेट दुर्घटना कब हुई?
यह दुर्घटना 10 जुलाई को चुरू के भानोदा गांव में हुई।
लोकेंद्र सिंधु की शहादत पर क्या प्रतिक्रिया आई?
वायुसेना और स्थानीय नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
लोकेंद्र सिंधु का परिवार कौन-कौन है?
उनकी पत्नी, पिता, बड़े भाई और बहन हैं।
हादसे में और कौन शहीद हुए?
उनके सह-पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषि राज सिंह भी शहीद हुए।
लोकेंद्र का अंतिम संस्कार कैसे होगा?
उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।