क्या सीएम भूपेंद्र पटेल ने 8 महानगर पालिकाओं और 16 नगर पालिकाओं को ‘निर्मल गुजरात अवॉर्ड्स’ प्रदान किए?

सारांश
Key Takeaways
- स्वच्छता और विकास के लिए शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना।
- 18.5 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि का वितरण।
- ‘मारुं शहेर, मारुं गौरव अभियान’ का लोगो लॉन्च।
- गुजरात के शहरों ने स्वच्छता सर्वेक्षण में उत्कृष्टता दिखाई।
- आत्मनिर्भर भारत के लिए स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग का महत्व।
गांधीनगर, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य की 8 महानगर पालिकाओं और 16 नगर पालिकाओं को स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए शुक्रवार को ‘निर्मल गुजरात अवॉर्ड्स’ प्रदान करते हुए कहा कि हमारे प्रयास का लक्ष्य है कि शहरों में और बेहतर विकास किया जाए, जिससे स्वच्छता और जनता की सुख-सुविधा के लिए शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़े।
इस अवसर पर, सीएम भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में निर्मल गुजरात अवॉर्ड वितरण समारोह और स्वच्छ भारत मिशन का चिंतन शिविर आयोजित हुआ। उन्होंने स्वच्छता में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार दिए और कुल 18.5 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की। इसके साथ ही, उन्होंने ‘मारुं शहेर, मारुं गौरव अभियान’ (मेरा शहर, मेरा गौरव अभियान) का लोगो भी लॉन्च किया।
मुख्यमंत्री ने निर्मल गुजरात अवॉर्ड प्राप्त करने वाले महानगर पालिकाओं और नगर पालिकाओं को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के पुरस्कार अन्य शहरों को भी प्रेरित करते हैं। स्वच्छता अब सभी नागरिकों के संस्कारों में समाहित हो गई है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू किए गए स्वच्छता अभियान के तहत हुआ। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वित्तीय सहयोग देने के लिए हमेशा तत्पर है।
सीएम पटेल ने नगर पालिकाओं के प्रतिनिधियों से कहा कि हमें मिलकर गुणवत्तापूर्ण विकास कार्य करने होंगे। विकसित भारत के निर्माण के लिए संपूर्ण राज्य में सभी का विकास जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज के स्वच्छता अभियान जन आंदोलन में तब्दील हो गए हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती तक ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए हर घर स्वदेशी अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने सभी को स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग के लिए प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री ने मेक इन इंडिया के तहत भारत में बने सामानों के उपयोग पर जोर दिया और कहा कि यदि हम आत्मनिर्भरता पर ध्यान देंगे, तभी विकसित भारत का निर्माण होगा।
उन्होंने 2035 में गुजरात की स्थापना के 75 वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मनाने की बात भी की और इसके लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग के अनुसार, गुजरात देश के अन्य राज्यों की तुलना में पहले स्थान पर है और इस वर्ष शहरी विकास वर्ष में नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए विशेष फंड आवंटित किया जा रहा है।
मुख्य सचिव पंकज जोशी ने कहा कि गुजरात के शहर स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में विभिन्न सहायता दी जा रही है। गार्बेज फ्री सिटी सर्वे में गुजरात के 26 शहरों ने गार्बेज फ्री सर्टिफिकेट प्राप्त किया है।
इसके अलावा, ‘रिड्यूस, रियूज और रिसाइकल’ की थीम पर आयोजित स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में गुजरात के शहरों ने औसतन 8,100 से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। इस अवसर पर महात्मा गांधी के ‘जहां स्वच्छता, वहां प्रभुता’ के मंत्र को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शुरू किए गए स्वच्छता अभियान की सफलता पर भी चर्चा हुई।