क्या सीएम धामी ने 'उत्तराखंड के गांधी' इंद्रमणि बडोनी को श्रद्धांजलि दी?

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क्या सीएम धामी ने 'उत्तराखंड के गांधी' इंद्रमणि बडोनी को श्रद्धांजलि दी?

सारांश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इंद्रमणि बडोनी की १००वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। बडोनी का जीवन त्याग और संघर्ष का प्रतीक रहा है। उनके योगदान को याद करते हुए, मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास के लिए उनके विचारों पर चलने की प्रतिबद्धता जताई। जानिए इस महान नेता के अद्वितीय योगदान के बारे में।

Key Takeaways

  • इंद्रमणि बडोनी का जीवन त्याग और संघर्ष का प्रतीक है।
  • उन्होंने अहिंसक आंदोलन के माध्यम से उत्तराखंड राज्य की मांग को मजबूती दी।
  • उनका योगदान आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।
  • उन्हें 'माउंटेन गांधी' के नाम से जाना जाता है।
  • उनकी १००वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

देहरादून, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में राज्य आंदोलन के महान नायक और 'उत्तराखंड के गांधी' के रूप में प्रसिद्ध इंद्रमणि बडोनी की १००वीं जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर, सीएम धामी ने बडोनी के जीवन और उनके संघर्ष को याद करते हुए कहा कि उनका सम्पूर्ण जीवन त्याग, संघर्ष, अहिंसा और जनसेवा को समर्पित रहा। उन्होंने उत्तराखंड राज्य आंदोलन को दिशा दी, जनशक्ति जुटाई और पहाड़ी क्षेत्रों के विकास के लिए दूरदर्शी सोच रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बडोनी के विचार, संकल्प और निस्वार्थ सेवा भाव आज भी युवाओं और नेताओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। राज्य सरकार उनके आदर्शों पर चलते हुए उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

सीएम धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, "शासकीय आवास पर उत्कृष्ट समाजसेवी एवं उत्तराखंड राज्य आंदोलन के अग्रणी नेता श्रद्धेय इंद्रमणि बडोनी की जयंती पर पुष्प अर्पित कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए उनका त्याग, संघर्ष और दूरदर्शी नेतृत्व सदैव स्मरणीय रहेगा। प्रदेश की अस्मिता, अधिकारों और जनसेवा को समर्पित उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।"

इंद्रमणि बडोनी का जन्म २४ दिसंबर १९२५ को टिहरी गढ़वाल के अखोड़ी गांव में हुआ था। उन्होंने अहिंसक आंदोलन के माध्यम से उत्तराखंड राज्य की मांग को मजबूती दी। १९८८ में उन्होंने १०५ दिनों की पैदल यात्रा की, जिसमें पिथौरागढ़ से देहरादून तक गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया। १९९४ में पौड़ी में आमरण अनशन किया, जिसके बाद उन्हें जेल भेजा गया, लेकिन इससे आंदोलन और तेज हुआ।

उनकी अहिंसा और सादगी के कारण वाशिंगटन पोस्ट ने उन्हें 'माउंटेन गांधी' कहा। १८ अगस्त १९९९ को ऋषिकेश में उनका निधन हो गया, लेकिन उनकी मौत के एक साल बाद ९ नवंबर २००० को उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ। उन्हें राज्य आंदोलन का अनसंग हीरो माना जाता है।

Point of View

ताकि उनके विचारों को आगे बढ़ाया जा सके।
NationPress
24/12/2025

Frequently Asked Questions

इंद्रमणि बडोनी कौन थे?
इंद्रमणि बडोनी उत्तराखंड राज्य आंदोलन के प्रमुख नेता थे, जिन्हें 'उत्तराखंड के गांधी' के रूप में जाना जाता है।
उनका जन्म कब हुआ?
इंद्रमणि बडोनी का जन्म २४ दिसंबर १९२५ को टिहरी गढ़वाल के अखोड़ी गांव में हुआ।
उन्होंने किस प्रकार का आंदोलन किया?
उन्होंने अहिंसक आंदोलन के माध्यम से उत्तराखंड राज्य की मांग को मजबूती दी।
उनकी मृत्यु कब हुई?
उनका निधन १८ अगस्त १९९९ को ऋषिकेश में हुआ।
उन्हें किस उपाधि से नवाजा गया?
उन्हें वाशिंगटन पोस्ट द्वारा 'माउंटेन गांधी' कहा गया।
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