क्या सीएम मोहन यादव ने कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता वीरा और दो शावकों को छोड़ा?
सारांश
Key Takeaways
- कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता वीरा और दो शावकों का सफल रिलीज
- चीतों की कुल संख्या 19 हो गई है
- पर्यटन में वृद्धि और रोजगार के नए अवसर
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से मिली सफलता
- वन विभाग का महत्वपूर्ण योगदान
श्योपुर, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क को एक महत्वपूर्ण उपहार मिला। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मादा चीता वीरा और उसके दो शावकों को जंगल में मुक्त किया।
सीएम मोहन यादव ने कूनो नेशनल पार्क के पारोंद क्षेत्र में निर्मित चीता रिलीज प्वाइंट से मादा चीता वीरा और उसके 9 महीने के दो शावकों को खुले जंगल में छोड़ा। इसके साथ, जंगल में चीतों की कुल संख्या अब 19 हो गई है।
जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश में कुल 32 चीते हैं। कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या 29 है, जिसमें दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 8 चीतों के साथ भारतीय भूमि पर जन्मे 21 शावक शामिल हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने चीता रिलीज कार्यक्रम के बाद कहा कि श्योपुर जिले का कूनो नेशनल पार्क अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन में प्रमुखता प्राप्त कर रहा है। आज का दिन ऐतिहासिक है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प से भारत में चीतों के पुनर्जीवन की परियोजना सफल हो रही है। चीता प्रोजेक्ट के लिए हम उनके आभारी हैं, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए मध्य प्रदेश की भूमि को चुना।
कूनो नेशनल पार्क में चीता प्रोजेक्ट के चलते रोजगार की नई संभावनाएं उत्पन्न हुई हैं। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के कर्मचारियों को परियोजना की सफलता के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर उन्होंने कूनो नेशनल पार्क के चीता कैलेंडर का विमोचन किया और शोविनियर शॉप का उद्घाटन भी किया। इसके अतिरिक्त, क्लीनिकल मैनेजमेंट ऑफ फ्री राइजिंग चीता इन कूनो नेशनल पार्क किताब का विमोचन भी किया गया। कूनो नेशनल पार्क के कैलेंडर में विभिन्न चीतों की तस्वीरों का प्रकाशन किया गया है।