क्या सीएम चंद्रबाबू नायडू ने नरसापुरम फीता शिल्प की सराहना के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया?

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क्या सीएम चंद्रबाबू नायडू ने नरसापुरम फीता शिल्प की सराहना के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया?

सारांश

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने पीएम मोदी को नरसपुरम की लेस शिल्प कला की सराहना के लिए धन्यवाद दिया है। यह कला महिलाओं के कौशल का प्रतीक है और अब इसे वैश्विक पहचान मिल रही है। जानिए इस कला के महत्व और उसके विकास के बारे में।

Key Takeaways

  • नरसपुरम की लेस शिल्प कला का ऐतिहासिक महत्व है।
  • पीएम मोदी ने इस कला को जीआई टैग दिलाने की बात की।
  • महिलाओं के कौशल और मेहनत की सराहना की जा रही है।
  • आंध्र प्रदेश सरकार और नाबार्ड कारीगरों को सशक्त बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
  • इस कला के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।

अमरावती, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने रविवार को नरसपुरम के लेस शिल्प की सराहना करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्‍स' पर एक पोस्ट में लिखा, "प्रधानमंत्री मोदी, नरसपुरम की लेस शिल्पकला की सराहना के लिए धन्यवाद। आंध्र प्रदेश कई पारंपरिक कलाओं का घर है, जिन्हें पीढ़ियों से परिवारों और समुदायों द्वारा संरक्षित किया गया है। ऐसी ही एक खूबसूरत कला है क्रोशे लेस बनाना, जिसकी उत्पत्ति नरसपुरम में हुई थी।"

उन्होंने आगे कहा, "मैं उन महिलाओं के कौशल और समर्पण की तहे दिल से सराहना करता हूं जिन्होंने न केवल इस कला को संरक्षित किया है बल्कि इसे दुनिया भर में फैलाया भी है। उनके काम को फिर से फलते-फूलते और वह पहचान हासिल करते देखना बेहद खुशी की बात है जिसके वे हकदार हैं। हम इस कला को संजोना और समर्थन देना जारी रखेंगे और इससे जुड़े कारीगरों को सशक्त बनाएंगे।"

मुख्यमंत्री नायडू ने प्रधानमंत्री मोदी के एक पोस्ट का जवाब दिया। पीएम मोदी के पोस्ट में लिखा है, "नरसपुरम में किए गए इस प्रयास ने स्थानीय लेस शिल्प को पुनर्जीवित किया है और इस प्रकार कई लोगों को सशक्त बनाया है।"

पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान उल्लेख किया कि पारंपरिक कलाएं न केवल समाज को सशक्त बनाती हैं, बल्कि लोगों के आर्थिक विकास का एक प्रमुख साधन भी बन जाती हैं।

उन्होंने कहा, "आंध्र प्रदेश के नरसपुरम जिले की लेस बनाने की कला अब पूरे देश में पहचान हासिल कर रही है। यह कला कई पीढ़ियों से महिलाओं के हाथों में रही है।"

पीएम मोदी ने कहा कि देश की महिलाओं ने बड़ी धैर्य और कुशलता से लेस बनाने की कला को संरक्षित रखा है। उन्होंने आगे कहा, "आज यह परंपरा नए रूप और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रही है। आंध्र प्रदेश सरकार और नाबार्ड मिलकर कारीगरों को नए डिजाइन सिखाने, बेहतर कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने और उन्हें नए बाजारों से जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं।"

पीएम मोदी ने यह भी बताया कि नरसपुरम लेस को जीआई टैग मिल चुका है। उन्होंने कहा, "आज इससे 500 से अधिक उत्पाद बनाए जा रहे हैं और 250 से अधिक गांवों में लगभग एक लाख महिलाओं को इसके माध्यम से रोजगार मिल रहा है।"

Point of View

बल्कि यह बताता है कि कैसे पारंपरिक कलाओं को मान्यता मिलती है और वे आर्थिक विकास का साधन बनती हैं। यह पहल महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके काम की सराहना करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
28/12/2025

Frequently Asked Questions

नरसपुरम की लेस शिल्प कला क्या है?
नरसपुरम की लेस शिल्प कला एक पारंपरिक कला है जो महिलाओं द्वारा बनाई जाती है और इसे कई पीढ़ियों से संरक्षित किया गया है।
पीएम मोदी ने इस कला के बारे में क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि नरसपुरम की लेस शिल्प ने स्थानीय समुदाय को सशक्त बनाया है और इसे जीआई टैग भी मिला है।
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