क्या छत्तीसगढ़ के सीएम साय ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सही जायजा लिया?

सारांश
Key Takeaways
- बाढ़ से 115 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
- 642 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं।
- सरकार ने राहत राशि बढ़ाई है।
- 416 हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है।
- सीएम साय ने प्रभावितों के साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया है।
दंतेवाड़ा, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विदेश दौरे से लौटते ही बस्तर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। सबसे पहले उन्होंने स्टेट प्लेन से 250 मीटर की ऊंचाई पर लोहंडीगुड़ा क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद वे दंतेवाड़ा पहुंचे और वार्ड नंबर 10 के चुड़ी ठीकरा पारा में बाढ़ पीड़ितों से मिले।
इस अवसर पर सीएम साय ने कहा कि सरकार इस कठिन समय में पीड़ितों के साथ मजबूती से खड़ी है और किसी को भी मदद से वंचित नहीं रखा जाएगा।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि बाढ़ से चार जिलों में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। अब तक 642 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं, जबकि 1277 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त पाए गए हैं। राहत प्रबंधन नियमों में भी बदलाव किया गया है। पहले आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 4 हजार रुपए की सहायता मिलती थी, जिसे अब बढ़ाकर 6 हजार रुपए कर दिया गया है ताकि प्रभावित परिवारों को कुछ राहत मिल सके।
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि बाढ़ के कारण किसानों की 416 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है। अब तक सरकार की ओर से 1 करोड़ 94 लाख रुपए की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है और आगे भी मदद जारी रहेगी।
सीएम साय ने बताया कि बाढ़ से 105 पुल-पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रशासन ने इनके लिए विस्तृत नुकसान का आकलन तैयार किया है। उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा में 53 करोड़ का नुकसान हुआ है। इसके अतिरिक्त, बस्तर में 52 करोड़, सुकमा में 9 करोड़ और बीजापुर में 1 करोड़ का नुकसान हुआ है।
सीएम साय के अनुसार, कुल मिलाकर बस्तर संभाग के प्रभावित जिलों में लगभग 115 करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन किया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इन कार्यों को स्वीकृति दी जाएगी और निर्माण कार्य आरंभ किए जाएंगे।