क्या सीएम स्टालिन ने अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की और रोकने की वकालत की?

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क्या सीएम स्टालिन ने अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की और रोकने की वकालत की?

सारांश

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते हमलों की निंदा की। उन्होंने कहा कि ऐसे हमले लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। समाज की जिम्मेदारी है कि विभाजनकारी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। क्या यह कदम भारत की एकता को मजबूत करेगा?

Key Takeaways

  • अल्पसंख्यकों की सुरक्षा आवश्यक है।
  • विभाजनकारी प्रवृत्तियों का सामना करना जरूरी है।
  • लोकतंत्र में शांति और सौहार्द का महत्व है।
  • समाज की साझी जिम्मेदारी है कि वह दंगाई समूहों पर अंकुश लगाए।
  • संविधानिक मूल्यों की रक्षा अनिवार्य है।

चेन्नई, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने गुरुवार को अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की और कहा कि लोकतांत्रिक समाज में ऐसी घटनाएं पूरी तरह अस्वीकार्य हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर नफरत और विभाजनकारी प्रवृत्तियों को नहीं रोका गया, तो यह राष्ट्रीय सौहार्द के लिए गंभीर खतरा बन सकता है。

मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों और पूरे समाज की यह साझा जिम्मेदारी है कि दंगाई और विभाजन फैलाने वाले समूहों पर सख्ती से अंकुश लगाया जाए। उन्होंने इस पर दृढ़ संकल्प के साथ कार्यवाही करने की ज़रूरत पर बल दिया।

सोशल मीडिया पर जारी अपने बयान में सीएम स्टालिन ने कहा कि बहुसंख्यक समाज की वास्तविक ताकत और नैतिकता इसी में है कि अल्पसंख्यक बिना डर के जीवन जी सकें।

उन्होंने कहा, “जब बहुसंख्यक समुदाय के नाम पर कुछ दक्षिणपंथी हिंसक समूह हमलों और दंगों में लिप्त होते हैं, तो यह देश को एक परेशान करने वाला संदेश देता है।”

देश के विभिन्न हिस्सों में हुई हालिया घटनाओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर के बाद जबलपुर और रायपुर जैसे स्थानों से अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरें चिंताजनक हैं और सामाजिक सौहार्द को मानने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए अस्वीकार्य हैं।

उन्होंने कहा, “ये घटनाक्रम हर उस नागरिक के लिए चिंता का विषय होने चाहिए जो शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास करता है।”

सीएम स्टालिन ने चेतावनी दी कि यदि उग्रवादी या दंगाई समूहों को बिना किसी कार्रवाई के खुली छूट दी गई, तो इससे समाज में विभाजन और गहरा होगा।

उन्होंने कहा, “जो लोग धर्म या सांप्रदायिक आधार पर समाज को बांटते हैं, उनसे बिना किसी अस्पष्टता के सख्ती से निपटना चाहिए।” उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना और संविधानिक मूल्यों की रक्षा करना राज्य का अनिवार्य दायित्व है।

मुख्यमंत्री ने आंकड़ों का हवाला देते हुए एक चिंताजनक रुझान की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने दावा किया कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणास्पद भाषणों में कथित तौर पर ७४ प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो यदि रोकी नहीं गई तो “आगे गंभीर खतरे” का संकेत है।

अपने बयान के अंत में, सीएम स्टालिन ने दोहराया कि भारत की एकता आपसी सम्मान, कानून के समक्ष समानता और इस भरोसे पर टिकी है कि हर नागरिक, चाहे उसका धर्म या पहचान कुछ भी हो, सम्मान और बिना भय के जीवन जी सके।

Point of View

बल्कि समाज का भी कर्तव्य है। यह एक ऐसा मुद्दा है, जो पूरे राष्ट्र को प्रभावित करता है। हमें एकजुट होकर समाज में सौहार्द और शांति को बनाए रखना चाहिए।
NationPress
25/12/2025

Frequently Asked Questions

सीएम स्टालिन ने अल्पसंख्यकों पर हमलों के खिलाफ क्या कहा?
सीएम स्टालिन ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले लोकतंत्र के लिए अस्वीकार्य हैं और इन्हें रोकना आवश्यक है।
क्या सीएम स्टालिन का बयान समाज में बदलाव लाने में सहायक होगा?
हाँ, सीएम स्टालिन का बयान समाज में नफरत और विभाजन को रोकने के लिए एक सकारात्मक कदम हो सकता है।
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