क्या सीएम योगी ने पीडीए पर तंज कसते हुए विपक्ष को 'कूप मंडूक' कहा?

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क्या सीएम योगी ने पीडीए पर तंज कसते हुए विपक्ष को 'कूप मंडूक' कहा?

सारांश

सीएम योगी ने विधानसभा सत्र में विपक्ष पर परिवारवादी सोच का आरोप लगाया और पीडीए को 'परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी' कहा। उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे और उत्तर प्रदेश की प्रगति के आंकड़े महत्वपूर्ण हैं। आइए जानते हैं उनके संबोधन की खास बातें।

Key Takeaways

  • योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर परिवारवादी सोच का आरोप लगाया।
  • उन्होंने पीडीए को 'परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी' कहा।
  • उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी 35 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद।
  • 2017 से यूपी में कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है।
  • मुख्यमंत्री ने विकास को समावेशिता का आधार बताया।

लखनऊ, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन अपने साढ़े आठ साल के कार्यकाल की उपलब्धियों का ब्यौरा देते हुए विपक्ष को सख्त शब्दों में जवाब दिया। उन्होंने 1947 से 2017 तक के विपक्षी दलों के शासनकाल का अपनी सरकार के 2017 से 2025 तक के कार्यकाल से तुलना करते हुए आरोप लगाया कि विपक्ष ने परिवारवादी सोच को बढ़ावा दिया है। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के 'पीडीए' नारे को 'परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी' करार देते हुए उनकी सीमित दृष्टिकोण पर कटाक्ष किया।

सीएम योगी ने अपने संबोधन में समावेशी और समग्र विकास को उत्तर प्रदेश और भारत के विकास का आधार बताया। उन्होंने कहा, "हर विधानसभा क्षेत्र में विकास होना चाहिए और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के सभी तक पहुंचना चाहिए। समावेशी विकास ही 'विकसित यूपी' और 'विकसित भारत' की संकल्पना को साकार कर सकता है।"

विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनकी चर्चाओं में विकास कम और सत्ता की चाहत ज्यादा दिखती है। चार्वाक का उदाहरण देते हुए उन्होंने विपक्ष की परिवारवादी सोच पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि आप केवल अपने परिवार तक सीमित हैं। आपका 'परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी' का दृष्टिकोण स्वामी विवेकानंद के 'कूप मंडूक' दर्शन को चरितार्थ करता है। दुनिया प्रतिस्पर्धा के रास्ते पर आगे बढ़ रही है, लेकिन आप अभी भी परिवार तक सीमित हैं।

सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश के अतीत की कड़वी सच्चाई को उजागर करते हुए कहा कि 1960 के बाद से राज्य लगातार गिरावट की ओर बढ़ा। उन्होंने कहा कि विशाल सामर्थ्य, उपजाऊ भूमि, नदियां और श्रमशक्ति होने के बावजूद नीतिगत उदासीनता के कारण यूपी 1980 के दशक के बाद देश का सबसे बीमारू राज्य बन गया। योजनाएं बनती थीं, घोषणाएं होती थीं, लेकिन न इच्छाशक्ति थी और न ही क्रियान्वयन का संकल्प। उन्होंने उस दौर की समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा कि युवाओं को रोजगार नहीं मिलता था, किसानों को राहत नहीं थी और निवेशकों में भरोसे की कमी थी।

मुख्यमंत्री ने 2017 के बाद डबल इंजन सरकार के तहत हुए बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2017 के बाद कानून का राज स्थापित हुआ। अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई। उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया गया और यूपी निवेशकों के लिए ड्रीम डेस्टिनेशन बन गया। योजनाओं का क्रियान्वयन बिना भेदभाव और तुष्टिकरण के हो रहा है। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि आज यूपी की पहचान सुशासन से है।

मुख्यमंत्री ने यूपी की आर्थिक प्रगति के प्रभावशाली आंकड़े प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि 2016-17 में यूपी की जीएसडीपी 13 लाख करोड़ रुपए थी, जो इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 35 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है। राष्ट्रीय जीडीपी में यूपी का योगदान 8% से बढ़कर 9.5% प्रतिशत हो गया है। प्रति व्यक्ति आय 43 हजार रुपए से बढ़कर 1 लाख 20 हजार रुपए तक पहुंच चुकी है। निर्यात 84 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर 1 लाख 86 हजार करोड़ रुपए हो गया है और राज्य का बजट 3 लाख करोड़ से बढ़कर 8 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है।

मुख्यमंत्री ने भारत की आर्थिक प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि 1947 में भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, लेकिन 1980 तक यह 11वें स्थान पर खिसक गया। 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने प्रगति की और 2017 में सातवें, 2024 में पांचवें और 2025 में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि आपने छठी अर्थव्यवस्था को 11वें स्थान तक पहुंचा दिया था, लेकिन आज भारत अपनी सामर्थ्य और शक्ति का परिचय दुनिया को दे रहा है।

Point of View

बल्कि यह भी संकेत देती हैं कि कैसे विकास के लिए समावेशिता आवश्यक है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

सीएम योगी ने विपक्ष पर क्या आरोप लगाया?
सीएम योगी ने विपक्ष पर परिवारवादी सोच को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
पीडीए का क्या मतलब है?
सीएम योगी ने पीडीए का मतलब 'परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी' बताया।
उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति के आंकड़े क्या हैं?
उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी 2016-17 में 13 लाख करोड़ थी, जो अब 35 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने पिछले शासनकाल की तुलना कैसे की?
उन्होंने 1947 से 2017 तक के विपक्षी शासनकाल की तुलना अपने कार्यकाल से की।
क्या यूपी में कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है?
जी हां, 2017 के बाद कानून का राज स्थापित हुआ है और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है।