दफ्तर में घंटों बैठकर क्या पीठ में दर्द हो गया है? इस आसन से मिलती है राहत
सारांश
Key Takeaways
- बद्ध कोणासन पीठ दर्द में राहत देता है।
- यह शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देता है।
- यह तनाव को कम करने में सहायक है।
- महिलाओं के लिए लाभकारी है।
- गर्भावस्था में भी उपयोगी है।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दफ्तर में अत्यधिक समय बिताने से शारीरिक गतिविधियों की कमी, तनाव, कमर दर्द और कूल्हों में दर्द होना एक सामान्य समस्या बन गई है। बद्ध कोणासन एक ऐसा योगासन है, जो शरीर के निचले हिस्से को सक्रिय करने के साथ-साथ रक्त प्रवाह को भी बेहतर बनाता है।
बद्ध कोणासन, जिसे तितली आसन या बटरफ्लाई पोज के नाम से भी जाना जाता है, इसमें दोनों पैरों के तलवों को आपस में जोड़कर बैठना पड़ता है। यह आसन जांघों और घुटनों को खोलने में सहायक होता है।
इस आसन का नियमित अभ्यास करने से अनेक लाभ होते हैं। यह मानसिक शांति को बढ़ावा देने के साथ-साथ एकाग्रता में भी वृद्धि करता है। साथ ही, यह रीढ़ को सीधा रखने में मदद करता है, जिससे पीठ दर्द में राहत मिलती है।
भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इस आसन को महिलाओं के लिए लाभदायक बताया है। इसके अनुसार, इस आसन का नियमित अभ्यास मासिक धर्म की समस्याओं से राहत दिलाने और प्रजनन अंगों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण होता है। इसके अतिरिक्त, यह जांघों और कमर की मांसपेशियों को भी लचीला बनाता है। गर्भावस्था के दौरान भी यह आसन उपयोगी साबित हो सकता है, जिससे कमर और जांघों की मांसपेशियाँ लचीली बनती हैं।
इस आसन को करने के लिए योगा मेट पर दंडासन की मुद्रा में बैठें। अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें, फिर अपने घुटनों को मोड़ें और दोनों पैरों के तलवों को करीब लाएं। अपने पैरों के पंजों को मजबूती से पकड़ें और एड़ियों को पेल्विक एरिया के करीब लाने का प्रयास करें। घुटनों को अपनी क्षमता के अनुसार धीरे-धीरे फर्श की ओर दबाएं। गहरी सांस लेते रहें और 1 से 5 मिनट तक इस स्थिति में बने रहें, फिर पैरों को सीधा कर लें।
इस आसन के अभ्यास से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि बद्ध कोणासन का अभ्यास किसी विशेषज्ञ की देखरेख में करना चाहिए। यदि कूल्हों, घुटनों या रीढ़ में चोट है, तो इसे करने से परहेज करें।