क्या दीपावली भारत की सनातन परंपरा का एक महत्वपूर्ण पर्व है? : सीएम योगी

सारांश
Key Takeaways
- दीपावली शांति और एकता का पर्व है।
- अयोध्या भगवान श्रीराम की जन्मभूमि है।
- दीपोत्सव अयोध्या की गौरवशाली परंपरा को दर्शाता है।
- यह पर्व सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देता है।
- हमारी आस्था निरंतर आगे बढ़ती है।
अयोध्या, १९ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को दीपावली के इस पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने प्रभु श्रीराम से सुख-समृद्धि एवं मंगलमय जीवन की कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्व और त्योहार शांति, एकता तथा सद्भाव का संदेश देते हैं और यह सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देते हैं। दीपावली भारत के सनातन धर्म की परंपरा का एक महत्वपूर्ण पर्व है।
उन्होंने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या आगमन और रामराज की शुरुआत की स्मृति में आज से हजारों वर्ष पूर्व भारत में श्रद्धालुओं ने दीपमालाओं से अपने घरों को सजाना प्रारंभ किया।
यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि भगवान श्रीराम की पावन जन्मस्थली अयोध्या उत्तर प्रदेश में स्थित है। उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या में दीपावली के आयोजन की प्राचीन और गौरवशाली परंपरा को 'दीपोत्सव' के आयोजन के माध्यम से पुनः स्थापित कर, सम्पूर्ण विश्व को अयोध्या की महिमा से अवगत कराने का कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पूरी दुनिया अंधकार में थी, तब अयोध्या ने अपने भगवान के स्वागत में दीप जलाए थे, जो अब दीपोत्सव और दीपावली के रूप में एक महापर्व बन गया है।
उन्होंने कहा कि हमारी आस्था कभी भी झुकी, थकी या रुकी नहीं। भारत की आस्था बिना रुके, बिना झुके, निरंतर अपने मार्ग पर आगे बढ़ती रही। उन्होंने (सपा) गोली चलाई, हम अयोध्या में दीप जला रहे हैं।
इससे पहले श्रीराम दरबार के प्रतीक स्वरूप का श्री अयोध्या धाम में 'दीपोत्सव-2025' के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने तिलक लगाकर अभिनंदन किया।
सीएम ने अयोध्या धाम की पावन भूमि पर 'पुष्पक विमान' से आए प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी का स्वागत किया। यहां भरत मिलाप का कार्यक्रम भी सम्पन्न हुआ।