क्या न कर्फ्यू है, न दंगा है, उत्तर प्रदेश में सब चंगा है? : सीएम योगी
सारांश
Key Takeaways
- उत्तर प्रदेश में शांति और निवेश का नया युग शुरू।
- राम मंदिर का निर्माण ऐतिहासिक निर्णय।
- राज्य अब दंगा-मुक्त है।
- आर्थिक विकास के लिए अनुकूल माहौल।
- मुख्यमंत्री का ध्यान औद्योगिक विस्तार पर।
नई दिल्ली, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई दिल्ली में हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2025 में बताया कि राज्य अब शांति और निवेश के एक नए युग में प्रवेश कर चुका है, और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
इस समिट में आदित्यनाथ ने 6 दिसंबर की घटना को याद किया, जो उत्तर प्रदेश में तनाव का प्रतीक रही है। उन्होंने कहा कि जो माहौल कभी कर्फ्यू जैसा था, वह अब शांति में बदल चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा, "आज 6 दिसंबर है, उत्तर प्रदेश में कर्फ्यू जैसी स्थिति होनी चाहिए थी, लेकिन मैं यहाँ दिल्ली में एक समिट में शामिल हूँ। उन्होंने कहा, 'न कर्फ्यू है, न दंगा है, उत्तर प्रदेश में सब चंगा है।'"
उन्होंने बाबरी मस्जिद को 'विवादित ढांचा' बताते हुए उसके गिराए जाने को एक 'दाग' मिटाने जैसा कहा और राम मंदिर को स्वीकृति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के 2019 के निर्णय को ऐतिहासिक करार दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मंदिर का निर्माण आजाद भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि है, जिसने दशकों की अनबन को समाप्त कर विकास के द्वार खोल दिए हैं। आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा कि उत्तर प्रदेश अब “दंगा-मुक्त” है। उन्होंने इसे निवेश और आर्थिक विकास के लिए अनुकूल वातावरण बताते हुए कहा कि यह स्थिरता विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, "शांति से खुशहाली आती है और खुशहाली से शासन में विश्वास मजबूत होता है।" उन्होंने अपनी सरकार के औद्योगिक विस्तार के लिए कानून और व्यवस्था पर ध्यान देने की बात कही। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनका एजेंडा काशी और मथुरा जैसे अन्य विवादित स्थलों तक जाएगा, तो आदित्यनाथ ने कहा कि हम हर जगह पहुंचेंगे और हम पहले से ही पहुंच चुके हैं।"
उनके बयान में प्रसिद्ध नारा, "अयोध्या तो बस झांकी है, काशी-मथुरा अभी बाकी है," का उल्लेख किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राम मंदिर राज्य के धार्मिक और सांस्कृतिक पुनरुत्थान का अंतिम अध्याय नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री की बातें राजनीतिक प्रतीकों को आर्थिक संदेश के साथ जोड़ती हैं, जिससे उत्तर प्रदेश को आध्यात्मिक और निवेश के केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया गया है। योगी आदित्यनाथ ने लंबे समय से चले आ रहे विवादों के समाधान को शांति और खुशहाली से जोड़ते हुए अपने राज्य को राष्ट्रीय परिवर्तन के लिए एक आदर्श के रूप में पेश करने का प्रयास किया।