क्या बाड़मेर-जैसलमेर के पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी का निधन हृदयाघात से हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- कर्नल सोनाराम चौधरी का निधन 21 अगस्त को हुआ।
- उन्होंने चार बार लोकसभा सांसद के रूप में कार्य किया।
- उनका अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा।
- कांग्रेस नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
- उनकी पहचान जाट समुदाय के प्रमुख नेता के रूप में रही है।
जयपुर, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बाड़मेर-जैसलमेर के पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता कर्नल सोनाराम चौधरी का बुधवार रात दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनकी आयु 84 वर्ष थी।
कर्नल सोनाराम, कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलने के लिए निकले थे, तभी उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
कर्नल सोनाराम ने चार बार लोकसभा सांसद और एक बार विधायक के रूप में सेवा की। उन्होंने 1996, 1998 और 1999 में कांग्रेस के टिकट पर बाड़मेर-जैसलमेर से चुनाव जीते और 2014 में भाजपा के टिकट पर भी सांसद बने। इसके अतिरिक्त, वे बायतू विधानसभा क्षेत्र से भी विधायक रहे। सेना से कर्नल के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने राजनीति में सक्रियता दिखाई और राजस्थान में जाट समुदाय के प्रमुख नेता के रूप में पहचान बनाई।
चौधरी के निधन पर कांग्रेस नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा, "कर्नल सोनाराम चौधरी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। उन्होंने सेना और राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। हम साथ में सांसद और विधायक रहे।"
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, सचिन पायलट और वरिष्ठ नेता टीकाराम जूली सहित कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इन नेताओं ने उनके सामाजिक और राजनीतिक योगदान को याद करते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कर्नल सोनाराम का अंतिम संस्कार गुरुवार दोपहर बाद उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा। उनके समर्थकों और स्थानीय लोगों ने भी उनके निधन पर गहरा दुख जताया है। लोगों का कहना है कि उनके जैसे नेताओं का अब हमारे बीच नहीं होना, हमारे लिए राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है।