क्या कॉमन सर्विसेज सेंटर डिजिटल सशक्तीकरण के 16 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाएंगे?

सारांश
Key Takeaways
- सीएससी का 16वां स्थापना दिवस ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में डिजिटल सशक्तीकरण का जश्न है।
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।
- सीएससी का भविष्य टेक्नोलॉजी-लेड इनोवेशन पर केंद्रित है।
- वीएलई और कम्युनिटी लीडर्स को सम्मानित किया जाएगा।
- सरकार का मिशन डिजिटल समावेश को बढ़ावा देना है।
नई दिल्ली, १२ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार के अनुसार, पिछले १६ वर्षों में, कॉमन सर्विसेज सेंटर (सीएससी) दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल सेवा वितरण नेटवर्क में से एक बनकर उभरे हैं, जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में ६.५ लाख से अधिक कार्यात्मक केंद्रों के माध्यम से संचालित होते हैं।
'डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण पहल, सीएससी, १६ जुलाई को यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में अपना १६वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री जितिन प्रसाद की उपस्थिति में करेंगे।
इस कार्यक्रम में सीएससी के भविष्य के रोडमैप को भी प्रदर्शित किया जाएगा, जो गहन पहुंच, सेवा विस्तार और टेक्नोलॉजी-लेड इनोवेशन पर केंद्रित है।
इस नए चरण में एआई-बेस्ड सेवाओं, क्लाउड समाधानों और डिजिटल रूप से सक्षम आजीविकाओं का इंटीग्रेशन शामिल होगा, जिसका उद्देश्य सीएससी को ग्रामीण नवाचार और आत्मनिर्भर भारत के इंजन के रूप में विकसित करना है।
सीएससी स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर कई समारोहों का आयोजन करेगा।
वरिष्ठ सरकारी गणमान्य व्यक्तियों, उद्योग भागीदारों, नीति निर्माताओं और हजारों वीएलई के सीएससी आंदोलन की उपलब्धियों को मान्यता देने में शामिल होने की उम्मीद है।
इस समारोह में उन आउटस्टैंडिंग विलेज लेवल एंटरप्रेन्योरर्स (वीएलई) और कम्युनिटी लीडर्स को भी सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने सीएससी प्लेटफॉर्म के माध्यम से जीवन बदलने के लिए असाधारण प्रतिबद्धता दिखाई है।
सरकार के अनुसार, "सीएससी का १६वां स्थापना दिवस डिजिटल माध्यमों से समावेशी विकास सुनिश्चित करने के सरकार के मिशन की पुनः पुष्टि है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी के एक मॉडल के रूप में, सीएससी डिजिटल शासन, नागरिक-केंद्रित वितरण और सामुदायिक परिवर्तन की आधारशिला बन गया है। सभी हितधारकों, नागरिकों और मीडिया के सदस्यों को डिजिटल सशक्तिकरण और जमीनी स्तर पर प्रगति के इस राष्ट्रव्यापी उत्सव का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया जाता है।"
२०२२ में गृह मंत्री शाह की उपस्थिति में, सीएससी ने नाबार्ड और सहकारिता मंत्रालय के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत, देश भर की सहकारी ऋण समितियां अब कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के रूप में कार्य करने लगी हैं।
सीएससी ने ग्रामीण भारत के नागरिकों, विशेषकर महिलाओं, किसानों और हाशिए पर पड़े समुदायों को उनके घर-द्वार पर डिजिटल पहुंच, वित्तीय समावेशन, स्वास्थ्य सेवा और आजीविका सहायता प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।