क्या कांग्रेस की नकल कर अन्य दलों ने महिला सशक्तीकरण पर ध्यान दिया?

सारांश
Key Takeaways
- महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता देना कांग्रेस का मूल सिद्धांत है।
- प्रियंका गांधी वाड्रा का महिला संवाद कार्यक्रम महिलाओं के हितों को उजागर करेगा।
- अन्य दलों की नीतियों पर कांग्रेस का प्रभाव स्पष्ट है।
- महिलाओं की समस्याएँ सुनने के लिए पार्टी के शीर्ष नेता सक्रिय रहेंगे।
- कांग्रेस ने देश को महिला नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका दी है।
पटना, 25 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस की नेता नीतू कुमारी ने गुरुवार को प्रियंका गांधी वाड्रा के ‘महिला संवाद कार्यक्रम’ की महत्वता पर चर्चा की और बताया कि हमारी पार्टी हमेशा से महिलाओं के सशक्तीकरण को प्राथमिकता देती रही है। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रियंका गांधी वाड्रा महिलाओं को राजनीतिक क्षेत्र में जागरूक करेंगी।
नीतू कुमारी ने कहा कि अब अन्य पार्टियाँ भी कांग्रेस की नीति अपनाने लगी हैं और महिलाओं के विकास पर ध्यान दे रही हैं, जबकि यह वास्तविकता नहीं है।
कांग्रेस नेता ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने हमेशा महिलाओं के हितों को प्राथमिकता दी है और उनके सशक्तीकरण के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगी।
हिसुआ की विधायक ने कहा कि संवाद के दौरान महिलाएं प्रियंका गांधी वाड्रा को अपनी समस्याएँ बताएंगी, जिनका समाधान पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा किया जाएगा, जिसमें सोनिया गांधी का नाम भी शामिल है।
कांग्रेस ने हमेशा से महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए कार्य किया है। पार्टी जानती है कि समाज का विकास महिलाओं के विकास के बिना संभव नहीं है।
नीतू कुमारी ने कहा कि यदि हम सही दृष्टिकोण से देखें तो कांग्रेस ने ही महिलाओं के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। कांग्रेस ने देश को पहली महिला प्रधानमंत्री, पहली राष्ट्रपति और पहली स्पीकर दी।
यह जानकारी दी गई है कि प्रियंका गांधी वाड्रा बिहार में 26 सितंबर को पटना और खगड़िया में 'महिला संवाद' कार्यक्रम आयोजित करेंगी। यह 'हर घर अधिकार यात्रा' का हिस्सा है, जिसमें वे महिला कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी और जीविका समूहों से संवाद करेंगी। यह बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।