क्या कांग्रेस को सेना से माफी मांगनी चाहिए? : तरुण चुघ

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस को सेना से माफी मांगनी चाहिए।
- सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को फटकार लगाई है।
- राहुल गांधी के बयान देश की सुरक्षा को कमजोर कर रहे हैं।
- राजनीतिक बयानबाजी का गहरा प्रभाव पड़ता है।
- कांग्रेस का नेतृत्व अपने विचारों पर पुनर्विचार करे।
नई दिल्ली, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा फटकार लगाए जाने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को सेना से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी केवल राहुल गांधी के लिए नहीं, बल्कि उस पूरे विचारधारा के लिए एक तमाचा है, जो वीर सेना और सीमाओं पर सवाल उठाती है। राहुल गांधी ने पाकिस्तान की भाषा बोलते हुए भारतीय सेना के प्रति सवाल उठाए। अब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सोच की असलियत को उजागर कर दिया है। यह वही कांग्रेस है, जिसने सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगे थे। सेना से गोलियों का हिसाब मांगते हुए उनकी वीरता पर शक किया था। राहुल गांधी देश की सीमा को लेकर झूठ फैलाकर राष्ट्र की सुरक्षा को कमजोर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व और नेहरू परिवार भारत की वीर सेना से सार्वजनिक रूप से माफी मांगे, जो अपने शौर्य और बलिदान से देश की सुरक्षा कर रहे हैं। राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' नहीं, बल्कि 'भारत तोड़ो एजेंडा' चलाया जा रहा है। राहुल गांधी देश की बहादुर सेना पर सवाल उठा रहे हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। देश की एक पार्टी का नेता पाकिस्तान और चीन की भाषा बोलता है।
भाजपा नेता गौरव वल्लभ ने कहा कि राहुल गांधी हमेशा देश विरोधी बयान देते हैं। अभी कुछ दिन पहले ही उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को 'डेड इकॉनमी' कहा था। अब दो हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर चीन के कब्जे वाले बयान पर सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगी।
उन्होंने सवाल किया कि राहुल को यह जानकारी किसने दी। सुप्रीम कोर्ट ने आपकी परिपक्वता पर सवाल उठाया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि देश से प्यार करने वाला व्यक्ति देश विरोधी बयान नहीं दे सकता। जब भारतीय सेना डोकलाम में चीन की सेना के सामने थी, तब आप दिल्ली में बैठकर चीन के दूतावास में चाऊमीन खा रहे थे। आपका चीन से यह कैसा प्रेम है।