क्या कांग्रेस मनरेगा को खत्म करने की सरकार की योजना के खिलाफ प्रदर्शन करेगी? केसी वेणुगोपाल

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क्या कांग्रेस मनरेगा को खत्म करने की सरकार की योजना के खिलाफ प्रदर्शन करेगी? केसी वेणुगोपाल

सारांश

कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मनरेगा को खत्म करने की सरकार की योजना के खिलाफ सख्त बयान दिया है। कांग्रेस 17 दिसंबर को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेगी। यह कदम गरीबों के अधिकारों की रक्षा के लिए उठाया जा रहा है। जानें इस ऐतिहासिक कानून की महत्ता और कांग्रेस की रणनीति।

Key Takeaways

  • मनरेगा का महत्व ग्रामीण आजीविका में है।
  • कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन सरकार के निर्णय के खिलाफ है।
  • महात्मा गांधी के सिद्धांतों का सम्मान आवश्यक है।

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मनरेगा पर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मनरेगा को समाप्त करने की सरकार की योजना के खिलाफ कांग्रेस प्रदर्शन करेगी।

केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को समाप्त करने के सरकार के प्रयासों के खिलाफ लड़ने के लिए कांग्रेस पार्टी 17 दिसंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी। इसके अलावा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्थापना दिवस, 28 दिसंबर को, हमारे पार्टी के कार्यकर्ता हर मंडल और गांव में महात्मा गांधी की तस्वीरें लेकर कार्यक्रम आयोजित करेंगे, ताकि इस जनविरोधी कानून और बापू जी की विरासत पर सीधे हमले का विरोध किया जा सके।

उन्होंने कहा कि मनरेगा एक ऐतिहासिक कानून है, जिसने लोगों को काम का अधिकार दिया है, श्रम की गरिमा को बनाए रखा है, और पूरे भारत में करोड़ों ग्रामीण परिवारों को आजीविका सुरक्षा प्रदान की है। हमारा संघर्ष किसी सामान्य बिल का विरोध करने के बारे में नहीं है, यह एक कठिनाई से मिले अधिकार की रक्षा करने और उन लाखों लोगों के साथ खड़े होने के बारे में है जिनकी जिंदगी, गरिमा और उम्मीद मनरेगा पर निर्भर करती है।

वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी महात्मा गांधी की भावना से और भारत के सबसे गरीब लोगों की रक्षा में इस लड़ाई का नेतृत्व करती रहेगी।

कांग्रेस नेता ने 'एक्स' पर पत्र भी साझा करते हुए कहा कि सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को खत्म करने के लिए एक बिल लाना एक खतरनाक और जानबूझकर उठाया गया कदम है। यह कोई सामान्य विधायी प्रक्रिया नहीं है। यह एक ऐतिहासिक, अधिकार-आधारित लोगों के कानून को कमजोर करने और भारत के सबसे पहचाने जाने वाले कल्याणकारी कानून से महात्मा गांधी का नाम और मूल्यों को मिटाने की एक सोची-समझी राजनीतिक चाल है।

मनरेगा जन संघर्ष से उत्पन्न हुआ था और इसमें 'हर हाथ को काम दो, काम का पूरा दाम दो' का वादा था। इसने ग्रामीण भारतीयों को काम मांगने का कानूनी अधिकार दिया, पूरे ग्रामीण भारत में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी दी, विकेन्द्रीकृत शासन को सशक्त बनाया, महिलाओं और भूमिहीनों को सशक्त किया, और लागू करने योग्य अधिकारों के माध्यम से श्रम की गरिमा को बनाए रखा।

Point of View

बल्कि यह हमारे समाज के सबसे कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

मनरेगा क्या है?
मनरेगा एक ऐतिहासिक कानून है जो ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को 100 दिनों का रोजगार सुनिश्चित करता है।
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन कब होगा?
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन 17 दिसंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर होगा।
सरकार ने मनरेगा को खत्म करने का निर्णय क्यों लिया?
सरकार का निर्णय राजनीतिक और आर्थिक कारणों से हो सकता है, लेकिन विपक्ष इसे जनविरोधी मानता है।
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