क्या कांग्रेस ने गोमांस पर जीएसटी हटाने के फैसले की आलोचना की और आंदोलन की घोषणा की?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस ने गोमांस पर जीएसटी हटाने की आलोचना की है।
- यह निर्णय हिंदू समुदाय के लिए संवेदनशील है।
- पार्टी आंदोलन करने की योजना बना रही है।
- सरकार की विरोधाभासी नीतियों पर सवाल उठाया गया है।
- कांग्रेस ने जनता के बीच इस मुद्दे को उठाने का निर्णय लिया है।
विजयवाड़ा, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा गोमांस पर जीएसटी को पूरी तरह से समाप्त करने के निर्णय की तीखी आलोचना की है।
पार्टी के उपाध्यक्ष गुरुनाथम ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में इस निर्णय को सरकार का विरोधाभासी रुख बताया। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार गायों और भैंसों की सुरक्षा की बात करती है, जबकि दूसरी तरफ गोमांस पर जीएसटी हटाकर हिंदू भावनाओं के खिलाफ कदम उठा रही है।
गुरुनाथम ने कहा कि हाल ही में सरकार ने कुछ वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती की है, जो स्वागत योग्य है। लेकिन, गोमांस पर जीएसटी का हटाया जाना हिंदुओं के लिए अस्वीकृत है।
उन्होंने इसे सरकार की हिंदुत्व नीति के खिलाफ बताया और कहा कि यह कदम धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का भी उल्लंघन करता है। उन्होंने तर्क दिया कि यदि सरकार धर्मनिरपेक्षता का पालन करना चाहती है, तो गोमांस पर भी जीएसटी लागू रहना चाहिए।
कांग्रेस नेता जीतू पटवारी के नेतृत्व में पार्टी ने इस मुद्दे पर आंदोलन की घोषणा की है। गुरुनाथम ने बताया कि २६ और २७ सितंबर को पुजारियों के साथ मिलकर पार्टी इस निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। यह मुद्दा हिंदू समुदाय के लिए अत्यंत संवेदनशील है और सरकार का यह कदम उसकी हिंदुत्व नीति पर सवाल उठाता है।
गुरुनाथम ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस जीतू पटवारी की मांग का पूर्ण समर्थन करती है और सरकार से इस विरोधाभासी नीति पर स्पष्टीकरण मांगती है।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार हिंदुत्व के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाना चाहती है, तो उसे गोमांस पर जीएसटी को फिर से लागू करना होगा।
कांग्रेस ने इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाने का निर्णय लिया है और इसे एक बड़े आंदोलन का स्वरूप देने की तैयारी कर रही है। पार्टी का कहना है कि यह निर्णय न केवल हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाता है, बल्कि सरकार की नीतियों में असंगति को भी उजागर करता है।