क्या राहुल गांधी विकृत मानसिकता के चलते देश में भ्रम और झूठ फैला रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- हरियाणा आईपीएस आत्महत्या का मामला गंभीर है।
- केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी की मानसिकता पर सवाल उठाए।
- सरकार मामले में कार्रवाई कर रही है।
- जातिवाद का प्रभाव समाज पर गहरा है।
- सभी पक्षों की बात सुनने की जरूरत है।
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएनएनस)। हरियाणा आईपीएस आत्महत्या मामला देश की सियासत में हलचल मचा रहा है। इस हाई प्रोफाइल केस को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं। भाजपा ने इस संदर्भ में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर तीखा जवाब दिया है।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को कहा कि राहुल गांधी अपनी विकृत मानसिकता के कारण देश में भ्रम और झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में घटित घटना निंदनीय है और मैंने एवं प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसकी आलोचना की है, फिर इसमें भाजपा और आरएसएस का क्या संबंध है?
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि हरियाणा आईपीएस की आत्महत्या का मामला निंदनीय है। सरकार इस मामले में संवेदनशील है और कार्रवाई कर रही है, तो भाजपा-आरएसएस का इसमें क्या काम है? रायबरेली में हुई घटना पर यूपी सरकार ने तुरंत कार्रवाई की, फिर भाजपा-आरएसएस का क्या ताल्लुक है?
उन्होंने यह भी कहा कि विकृत मानसिकता के कारण राहुल गांधी देश में भ्रम और झूठ फैला रहे हैं, जिसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। 2014 के बाद दलित समाज की सामाजिक और आर्थिक उन्नति हुई है। प्रधानमंत्री उनके लिए कई योजनाएं लेकर आए हैं। उनके लिए आवासीय योजनाएं भी बनाई गई हैं। वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति के चलते कांग्रेस ने हमेशा दलितों का अहित किया है। राहुल गांधी सोशल मीडिया के जरिए गलत तथ्य प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसकी हम निंदा करते हैं। वे प्रधानमंत्री की कुर्सी पर अपने और अपने परिवार का अधिकार समझते हैं, इसी मानसिकता के चलते वह भ्रम और झूठ फैलाते हैं।
इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा था कि हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या उस गहराते सामाजिक जहर का प्रतीक है जो जाति के नाम पर इंसानियत को कुचल रहा है। जब एक आईपीएस अधिकारी को उसकी जाति के कारण अपमान और अत्याचार सहने पड़ते हैं, तो सोचिए, आम दलित नागरिक किन हालात में जी रहा होगा।