क्या कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने आपातकाल को गलत बताया?

सारांश
Key Takeaways
- आपातकाल को सभी ने गलत माना है।
- भाजपा की दोहरी मानसिकता पर सवाल उठाए गए हैं।
- महंगाई और बेरोजगारी पर सरकार की भूमिका पर सवाल हैं।
- इंदिरा गांधी ने देश के लिए शहादत दी थी।
- चुनाव आयोग अपनी ड्यूटी निभा रहा है।
पुणे, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के नेता तहसीन पूनावाला ने आपातकाल के ५० वर्ष पूरे होने पर पीएम मोदी के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को बंधक बना लिया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि आपातकाल गलत था, यह सभी मानते हैं। लेकिन, इंदिरा गांधी ने देश के लिए शहादत दी थी।
तहसीन पूनावाला ने बुधवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि भाजपा आपातकाल के ५० साल पूरे होने पर देशभर में कार्यक्रम आयोजित कर रही है। लेकिन, मेरा एक सवाल है कि आपातकाल के दौरान जो हुआ वो इतिहास के पन्नों में दर्ज है। आज हमारे देश में रहने वाले लोग जो महंगाई, बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, इसके लिए सरकार क्या कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा आपातकाल की बात बड़े स्तर पर कर रही है, लेकिन देश में वर्तमान स्थिति क्या सही है। आज आप कितना दबाव महसूस कर रहे हैं। दूसरे दल में हैं तो आप पर ईडी-सीबीआई की रेड होती है, लेकिन सत्ता पक्ष के करीब हैं तो आप सुरक्षित हैं। यह कैसी दोहरी मानसिकता है?
आपातकाल के ५० साल पूरे होने पर एक सेमिनार में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसे काला दौर बताया और कहा कि इसे देश कभी नहीं भूल सकता है। जब इस पर तहसीन पूनावाला से जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा कि देश की जनता अगर आपातकाल के दौर को कभी नहीं भूल सकती है, तो वह इस दौर को भी नहीं भूल सकती है जहां आपके बोलने पर पाबंदी लगा दी जाए। आज सारे सवाल विपक्ष से ही किए जाते हैं, सरकार की भूमिका पर कोई सवाल नहीं होता। उन्होंने कहा कि संसद में विपक्ष के सांसद जब कोई सवाल पूछते हैं तो उन्हें चुप करा दिया जाता है।
भारतीय निर्वाचन आयोग बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की मतदाता सूची को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाने की तैयारी कर रहा है। जब इस पर कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला से जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग कोई अनोखा कार्य नहीं कर रहा है। यह तो उसकी ड्यूटी है और वह ड्यूटी पूरी कर रहा है। घर-घर जाकर हर वोटर को रजिस्टर किया जाना चाहिए। यही तो चुनाव आयोग का कर्तव्य है।