क्या कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री योगेंद्र मकवाना का निधन हो गया?

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क्या कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री योगेंद्र मकवाना का निधन हो गया?

सारांश

कांग्रेस पार्टी ने एक महत्वपूर्ण नेता को खो दिया है। योगेंद्र मकवाना, जिन्हें जनसेवा के प्रति समर्पण और सामाजिक समानता के लिए जाना जाता था, का निधन हो गया। उनकी राजनीतिक विरासत और योगदान हमेशा याद किया जाएगा।

Key Takeaways

  • योगेंद्र मकवाना का निधन कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण क्षति है।
  • उन्होंने कई मंत्रालयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • उनका जीवन जनसेवा और सामाजिक समानता के लिए प्रेरणा स्रोत है।
  • वे अनुसूचित जातियों के उत्थान में सक्रिय रहे।
  • उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

अहमदाबाद, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री योगेंद्र मकवाना का मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने अपने पीछे कई दशकों की जनसेवा की विरासत छोड़ी है। 23 अक्टूबर, 1933 को गुजरात के आणंद जिले के सोजित्रा गांव में जन्मे मकवाना एक उच्च शिक्षित राजनेता थे, जिनके पास बी.ए., एलएलबी और पीएचडी की डिग्रियां थीं।

मकवाना जनसेवा के प्रति समर्पित परिवार से थे। उनकी पत्नी शांताबेन मकवाना 1962 में पहली गुजरात विधानसभा के लिए चुनी गईं और स्वास्थ्य एवं जल संसाधन मंत्री के रूप में कार्य किया।

उनकी बेटी अनुराधा मल्ल ने आईएएस अधिकारी के रूप में कार्य किया और गुजरात के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुईं, जबकि उनके बेटे भरत मकवाना सोजित्रा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे और उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव अहमदाबाद (पश्चिम) से लड़ा।

मकवाना ने पूर्व प्रधानमंत्रियों स्वर्गीय इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल में कार्य किया और 1980 से 1988 के बीच गृह, योजना, संचार, इस्पात एवं खान, स्वास्थ्य और कृषि जैसे प्रमुख मंत्रालयों का कार्यभार संभाला।

उनके कार्यकाल में राष्ट्रीय शासन को सुदृढ़ बनाने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के प्रयास किए गए। इंदिरा गांधी के निमंत्रण पर कांग्रेस में शामिल होने से पहले, मकवाना का राजनीतिक जीवन खेड़ा जिला प्रजा समाजवादी पार्टी के महासचिव के रूप में शुरू हुआ।

अपने पूरे जीवन में, वे अनुसूचित जातियों और अन्य हाशिए पर पड़े समुदायों के उत्थान के प्रबल समर्थक रहे। मकवाना को न केवल उनकी प्रशासनिक कुशलता के लिए, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक भेदभावों से परे लोगों से जुड़ने की उनकी क्षमता के लिए भी व्यापक रूप से सम्मानित किया जाता था।

नीति निर्धारण के प्रति अपने व्यावहारिक दृष्टिकोण के लिए जाने जाने वाले, इस अनुभवी कांग्रेस नेता ने लगातार यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया कि विकास योजनाएं सबसे पहले हाशिए पर पड़े समुदायों तक पहुंचें।

2006 में, उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने वंचित समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से सामाजिक घटक योजना सहित कल्याणकारी योजनाओं का समर्थन किया।

विशेष रूप से, उन्होंने असम आंदोलन को सुलझाने, अखिल असम छात्र संघ और असम गण परिषद के साथ जुड़ने और राजनीतिक एकीकरण को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप प्रफुल्ल महंत असम के मुख्यमंत्री बने।

Point of View

NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

योगेंद्र मकवाना का जन्म कब हुआ था?
योगेंद्र मकवाना का जन्म 23 अक्टूबर, 1933 को गुजरात के आणंद जिले के सोजित्रा गांव में हुआ था।
योगेंद्र मकवाना किस पार्टी से जुड़े थे?
वे कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता थे।
उन्होंने किन मंत्रालयों का कार्यभार संभाला?
उन्होंने गृह, योजना, संचार, इस्पात, स्वास्थ्य और कृषि मंत्रालयों का कार्यभार संभाला।
उनकी पत्नी कौन थीं?
उनकी पत्नी का नाम शांताबेन मकवाना था, जो 1962 में पहली गुजरात विधानसभा के लिए चुनी गईं।
क्या उन्होंने अनुसूचित जातियों के उत्थान के लिए कार्य किया?
हां, वे अनुसूचित जातियों और हाशिए पर पड़े समुदायों के उत्थान के प्रबल समर्थक रहे।